गाजियाबाद में पकड़ी गई 1.57 लाख कफ सिरप खेप का वाराणसी कनेक्शन, 28 दवा कारोबारी NDPS में फंसे

गाजियाबाद में पकड़ी गई 1.57 लाख कफ सिरप की खेप का कनेक्शन वाराणसी से मिला। 28 दवा कारोबारियों पर NDPS एक्ट में केस, 100 करोड़ का नेटवर्क बेनकाब।;

Update: 2025-11-17 13:51 GMT
🔴 गाजियाबाद में 1.57 लाख कफ सिरप की खेप पकड़ी गई
🔴 वाराणसी के 27 फर्मों के 28 दवा कारोबारियों पर NDPS में FIR
🔴 100 करोड़ से ज्यादा की सिरप खेप का खुलासा
🔴 नशे के नेटवर्क से जुड़ा अंतर्राज्यीय सिंडिकेट शक के घेरे में

UP Drug Bust | गाजियाबाद की बड़ी ड्रग बरामदगी का वाराणसी से निकला कनेक्शन

गाजियाबाद में हाल ही में पकड़ी गई लगभग 1 लाख 57 हजार कफ सिरप की अवैध खेप का ताना-बाना अब वाराणसी से जुड़ता हुआ मिल रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने जांच के बाद वाराणसी की 27 फर्मों के 28 दवा कारोबारियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। इस कार्रवाई से न केवल वाराणसी बल्कि पूरे पूर्वांचल के दवा व्यापार में हड़कंप मच गया है।

Illegal Fensidyl Network | 100 करोड़ की फैंसीडिल सिरप खेप का खुलासा

जांच में सामने आया है कि फैंसीडिल कफ सिरप का आधिकारिक उत्पादन बंद होने के बावजूद कुछ समूह बड़ी मात्रा में इसकी सप्लाई जारी रखे हुए थे। अधिकारियों के अनुसार, करीब 100 करोड़ रुपये की सिरप खेप झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में घुमाने के बाद विदेशी नेटवर्क तक भेजी जा रही थी।

ड्रग विभाग को संदेह है कि इस पूरी सप्लाई चेन का मुख्य संचालक वाराणसी से ऑपरेट कर रहा था और बड़े पैमाने पर अवैध खरीद-फरोख्त चल रही थी।

Supply Chain Exposed | वाराणसी के 93 मेडिकल स्टोर्स को सप्लाई

सूत्रों के अनुसार, झारखंड के रांची में स्थित शैली ट्रेडर्स नाम की फर्म इस नेटवर्क की सुपर स्टॉकिस्ट थी। इसी फर्म ने वाराणसी के लगभग 93 मेडिकल स्टोर्स को करीब 84 लाख फैंसीडिल सिरप की सप्लाई की थी।

जांच में कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए:

  • वाराणसी की 9 फर्में मौके पर बंद मिलीं
  • कई के पास स्टॉक का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला
  • कई जगहों पर फर्जी बिलिंग और अवैध डायवर्जन के सबूत मिले
  • कई संस्थानों ने भारी मात्रा में सिरप खरीदा लेकिन बिक्री की एंट्री नहीं की

Codeine Abuse | कोडिन सिरप का नशे के रूप में दुरुपयोग

ड्रग इंस्पेक्टर जुनाब अली ने बताया कि फैंसीडिल में कोडिन होती है, जिसका दुरुपयोग युवा वर्ग में नशे के रूप में किया जाता है। यही कारण है कि इस सिरप की मांग अवैध नेटवर्क में हमेशा बनी रहती है।

उन्होंने कहा—
“कई फर्मों ने सिरप की बड़ी खेप खरीदी, लेकिन बिक्री के रिकॉर्ड गायब हैं। इससे साफ है कि सिरप मरीजों तक नहीं जा रही थी, बल्कि सीधे नशे के नेटवर्क में भेजी जा रही थी।”

Role of Shaili Traders | सुपर स्टॉकिस्ट के मालिक पर शक गहरा

जांच टीम का मानना है कि शैली ट्रेडर्स का मालिक इस अवैध नेटवर्क की मुख्य कड़ी हो सकता है। फर्म का रिकॉर्ड संदिग्ध पाया गया है और इसके खिलाफ कई जिलों की एजेंसियां पहले से निगरानी कर रही हैं।

Police Investigation | CDR और दस्तावेजों की जांच शुरू

कोतवाली के एसीपी अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि सभी आरोपियों के CDR (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) और उनके वित्तीय दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी गई है।

उन्होंने कहा—
“यह एक इंटर-स्टेट नेटवर्क है। अन्य जिलों में दर्ज FIR और एंटी-नारकोटिक्स एजेंसियों की रिपोर्ट को भी जांच में शामिल किया जाएगा। आगे भी कई और नाम सामने आ सकते हैं।”

Impact on Purvanchal | पूर्वांचल के दवा कारोबार में हड़कंप

वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर और आसपास के जिलों में यह कार्रवाई चर्चा का विषय बनी हुई है। दवा कारोबार से जुड़े कई लोग अब एजेंसियों की रडार पर आ गए हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी मात्रा में कफ सिरप स्टॉक करना और उसे अवैध रूप से सप्लाई करना तभी संभव है जब एक संगठित नेटवर्क कई राज्यों में वर्षों से सक्रिय हो।

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FAQs | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. गाजियाबाद में कितनी कफ सिरप पकड़ी गई?

कुल 1,57,000 से अधिक अवैध कफ सिरप की बोतलें बरामद की गईं।

2. वाराणसी में कितने लोगों पर केस दर्ज हुआ?

कुल 28 दवा कारोबारियों पर NDPS एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई है।

3. फैंसीडिल सिरप पर कार्रवाई क्यों हो रही है?

क्योंकि इसमें कोडिन होता है, जिसका दुरुपयोग नशे के रूप में किया जाता है।

4. क्या यह नेटवर्क इंटर-स्टेट है?

हाँ, यह नेटवर्क झारखंड, बिहार, यूपी और अन्य राज्यों में फैला हुआ है।

5. क्या और लोगों की गिरफ्तारी संभव है?

जांच एजेंसियों का कहना है कि आगे और नाम सामने आने की पूरी संभावना है।

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