उत्तर प्रदेश में फिर एक संत ने की आत्महत्या, मंदिर के तीसरे मंजिल से कूद गए प्रसिद्ध कथावाचक मणिराम दास

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रसिद्ध कथावाचक मणिराम दास (Maniram Das) ने आत्महत्या कर ली है।

Update: 2021-09-23 02:30 GMT

अयोध्या (Ayodhya) संसारी लोगों का मार्गदर्शन करने वाले संतो को आखिर किसकी बुरी नजर लग गई या क्या हो गया की वह आत्महत्या की ओर अग्रसर हो रहे हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महेंद्र गिरी (Maharaj Mahant Mahendra Giri) को बुधवार को भू समाधि दी गई इन्होंने भी आत्महत्या कर ली थी। वह वही बुढ़वार दोपहर अयोध्या के प्रसिद्ध कथावाचक मणिराम दास (Katha Vachak Maniram Das) ने मंदिर के तीसरे माले से कूदकर आत्महत्या कर ली। अयोध्या (Ayodhya) का समूचा संत समाज शोक मे डूबा हुआ है।

आरती के बाद गए थे छत पर

जानकारी के अनुसार प्रसिद्धकथावाचक मणिराम दास बहुत ही सरल व्यवहार के व्यक्ति थे। बुधवार दोपहर के समय भोजन बनने के पश्चात वे आरती में शामिल हुए। आरती पश्चात वह छत पर चले गए कुछ ही देर बाद ऊपर से कुछ गिरने की तेज आवाज हुई और लोगों ने जाकर देखा तो राममणि दास नीचे पड़े हुए थे।

जांच में जुटी पुलिस

घटना के बाद मिली सूचना पर अयोध्या कोतवाली प्रभारी मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। राममणि दास के शव को पीएम के लिए अस्पताल भेजा गया। पुलिस का कहना है की पीएम रिपोर्ट आने के बाद जांच में कुछ जानकारी सामने आएगी।

सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस

कोतवाली पुलिस के सामने संतराम मणि दास के आत्महत्या को समझाने के लिए कई सवाल सामने हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कथावाचक मणिराम दास ने आत्महत्या क्यों की ? पूजा के तुरंत बाद वह छत वह छत से गिरे या उन्हें गिराया गया। क्या छत पर पहले से काई मौजूद था। इन्ही सवालों का जवाब ढूंढने के लिए पुलिस मंदिर में लगे कैमरे के फुटेज खंगाल रही है।

बचपन में हो गए थे संत

श्री राम मंत्रार्थ मंडपम मंदिर के संत कथावाचक मणिराम दासबचपन में ही संत हो गए थे। इन्होंने देश में करीब 150 रामकथाएं कही। संत जी का सरल व्यक्तित्व सहज ही लोगों को अपना बना लेता था। आसमय हुई इस हृदय विदारक घटना ने अयोध्या सहित पूरे संत समाज को झकझोर कर रख दिया।

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