रीवा: अवधेश प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी के 45 स्ववित्तीय पाठ्यक्रम बंद करने की तैयारी

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Update: 2021-02-16 05:56 GMT

रीवा। राज्य शासन के निर्देशानुसार कॉलेजों में अतिथि विद्वानों के लिए बढ़ाए गए मानदेय के बाद विश्वविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वान भी बढ़े हुए वेतनमान के साथ काम करना चाहते हैं। जिसके लिए पिछले एक हफ्ते से अतिथि विद्वानों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।

अतिथि विद्वानों की मांगों पर चर्चा करने के लिए विभागाध्यक्षों की बैठक दो दिनों से लगातार हो रही है। जिसमें मौजूदा सत्र में आवश्यकता अनुसार पुराने नियमों के आधार पर अतिथि विद्वानों को काम पर रखने की अनुमति विभागाध्यक्षों को कुलपति द्वारा दी गई है। वहीं बढ़े हुए मानदेय में अतिथि विद्वानों की सेवाएं शुरू होने को लेकर विश्वविद्यालय अंतर्गत संचालित स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों पर बंद होने का खतरा मंडराने लगा है।

विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक स्ववित्तीय पाठ्यक्रम जनभागीदारी के तहत चलाए जा रहे हैं और छात्रों की अधिक संख्या होने पर ही इन्हें चालू रखा जा सकता है अन्यथा अतिथि शिक्षकों को दिए जा रहे मानदेय के कारण विश्वविद्यालय पर आर्थिक भार बढ़ जाता है। ऐसे में मानदेय की नवीन दरों पर अतिथि शिक्षक रखने पर कोर्स चलाने को लेकर विश्वविद्यालय को अपने मद से पैसे खर्च करने पड़ेंगे।

कम छात्र संख्या के कारण बंद होगा पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अतिथि विद्वानों के लगातार प्रदर्शन को देखते हुए स्ववित्तीय पाठ्यक्रम में पढ़ रहे छात्र संख्या की समीक्षा की जाएगी। जिन कोर्स में छात्रों की संख्या कम है, उन्हें बंद करने पर भी विचार चल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार ऐसे करीब 45 कोर्स चिन्हित किए गए हैं, जिनमें छात्रों की संख्या 20 से कम बताई जा रही है।

विश्वविद्यालय पर पड़ेगा आर्थिक भार पिछले पांच दिनों से अतिथि विद्वान कॉलेजों के बराबर मानदेय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के मुताबिक स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों में बढ़े हुए मानदेय 30 हजार प्रति महीना के हिसाब से अतिथि शिक्षकों की सेवाएं लेने से विश्वविद्यालय पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा। मिली जानकारी के मुताबिक कम छात्र संख्या वाले 45 कोर्स में अतिथि विद्वानों के कारण करीब 2 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार विश्वविद्यालय पर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। जिसको देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन अब इन कोर्स को बंद करने की तैयारी में जुट गया है।

विजय अग्रवाल ने एचओडी पद से दिया इस्तीफा पिछले एक हफ्ते से मानदेय सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे अतिथि विद्वानों द्वारा लगातार अपमानजनक और अभद्र व्यवहार से आहत होकर प्रो. विजय अग्रवाल ने बीएससी केमेस्ट्री, बीएससी आॅनर्स और एमएससी केमेस्ट्री आॅनर्स के विभागाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रो. विजय अग्रवाल ने बताया कि अतिथि विद्वानों की समस्या को सुलझाने के लिए नियमत: कार्रवाई विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही है लेकिन अतिथि विद्वानों द्वारा लगातार अनुचित दबाव बनाया जा रहा है। जिससे परेशान होकर मैं इन तीन कोर्स के प्रभार से इस्तीफा दे रहा हूं।


सौ. स्टार समाचार, रीवा 

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