रीवा: TRS महाविद्यालय में अब 60 फीसदी से कम अंक पर भी छात्र-छात्राओं को मिलेगा प्रवेश
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रीवा। आखिरकार प्रवेश से वंचित विद्यार्थियों को आंदोलन का परिणाम मिल गया। उच्च शिक्षा विभाग ने टीआरएस कॉलेज में 60 प्रतिशत अंकधारक को प्रवेश देने की बाध्यता खत्म कर दी है। अब 60 प्रतिशत से कम अंक के विद्यार्थियों को भी कॉलेज में प्रवेश मिल सकेगा। हालांकि अभी भी विभाग ने उत्कृष्टता के पुराने नियम व मेरिट के आधार पर ही प्रवेश देने के लिए निर्देशित किया है।
विभाग की अवर सचिव जयश्री मिश्रा ने बुधवार को इस बाबत आदेश जारी किए। विभाग के इस फैसले अब विद्यार्थियों के मुरझाये चेहरे में रौनक आ गई है। गौरतलब है कि शासन ने इस वर्ष टीआरएस कॉलेज को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा प्रदान किया है। साथ ही 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को ही कॉलेज में प्रवेश देने के लिए कहा था।
विभाग के इस निर्देश से ज्यादातर विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए निजी कॉलेजों का मुंह देखना पड़ा। वहीं कॉलेज में स्नातक कक्षाओं की 2 हजार 75 प्रवेशित सीटें रिक्त रह गईं। कॉलेज में स्नातक की कुल सीटें 3 हजार 400 हैं, जिसमें से महज 1 हजार 325 सीटें ही भर सकीं। ऐसे ही स्नातकोत्तर कक्षाओं में 787 विद्यार्थियों को ही प्रवेश मिल सका। प्रवेश के तीन चरण गुजरने के बाद रिक्त सीटों का यह आंकड़ा देख शासन व कॉलेज प्रबंधन भी चिंतित रहे।
20 दिन चला आंदोलन :
इधर, कॉलेज में प्रवेश न मिलने से नाराज विद्यार्थियों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। पिछले 20 दिन से कॉलेज छात्रसंघ व एनएसयूआई के साथ मिलकर निरंतर विद्यार्थी उग्र प्रदर्शन करते रहे। अभी गत सोमवार को भी एनएसयूआई के साथ मिलकर विद्यार्थियों ने कॉलेज चौराहा में चक्काजाम प्रदर्शन किया। आखिरकार जिला प्रशासन व शासन को भी विद्यार्थियों की मांग को मानना पड़ा। इस तरह अब विभाग ने जिले के एकमात्र उत्कृष्ट कॉलेज के प्रवेश नियम में संशोधन कर दिया है।