रीवा/सतना : शादी तो कर ली लेकिन नही कराया मैरिज रजिस्ट्रेशन तो नही समझा जाएगा विवाह के पात्र, ऐसे करवाये आवेदन,वीजा सहित कई कामो में आता है रोड़ा...

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Update: 2021-02-16 06:06 GMT

सतना। सात जन्मों के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए दिन प्रतिदिन विवाह पंजीयन कराने वालों की संख्या बढ़ रही है। विवाह के बंधन में बंधने के बाद ज्यादातर नवविवाहित जोड़े नगर निगम से पंजीयन की 'गांठ' भी लगवा रहे हैं। ऐसे आवेदकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, जो शादी के बाद पंजीयन कराने आवेदन कर रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि निगम के आंकड़े सच्चाई बयां कर रहे हैं। किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करनी हो या विदेश जाने के लिए वीजा का आवेदन करना हो, हर जगह विवाह पंजीयन संबंधी कागजात लगाने पड़ रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए नवविवाहित जोड़े शादी से एक माह के अंदर अपने विवाह को नगर निगम में पंजीकृत करवा रहे हैं। बता दें कि, वर्ष 2008 से केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा मैरिज सार्टीफिकेट की गई अनिवार्यता की शुरुआत नगर निगम में 21 प्रमाणपत्रों से होकर वर्ष 2018 में 301 तक पहुंच गई है। गुजरते वक्त के साथ हर साल लगातार पंजीयन करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

वीजा में बनती है रुकावट वीजा के लिए आवेदन करते वक्त विवाह प्रमाणपत्र की समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि विवाह पंजीयन संबंधी आवेदन की प्रक्रिया थोड़ी जटिल जरूर है, क्योंकि इस प्रक्रिया में विवाह संबंधी कागजात देने के साथ-साथ दोनों ही पक्षों से जुड़ी जानकारियों तथा विवाह के दौरान गवाह बने लोगों के एफिडेविट देने पड़ते हैं। लेकिन पंजीयन की महत्ता के सामने यह समस्या बेहद छोटी है। शादी होते ही जोड़े ऑनलाइन पंजीयन कराने के बाद नगर निगम कार्यालय पहुंचकर आवेदन का सत्यापन कराते है, सत्यापन के बाद महज कुछ दिन के अंदर विवाह प्रमाण पत्र दे दिया जाता है।

इस तरह करें आवेदन विवाह पंजीकृत करवाने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। फिर नगर निगम पहुंचकर आवेदन का सत्यापन कराना होता है। सत्यापन के बाद 80 रुपए सतना में और रीवा में 530 रुपये बतौर शुल्क के रूप में निगम में जमा कराए जाते हैं। इसके बाद वर-वधू पक्ष और गवाहों से जुड़े सरकारी कागज लिए जाते हैं। निगम की जांच टीम प्रपत्रों की जांच करती है। सब सही मिलने पर विवाह पंजीकृत कर लिया जाता है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में प्रक्रिया है। जहां पंचायत सचिव द्वार सत्यापन के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।

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