रीवा/सतना : 90 लाख का घोटाला, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद संभाला मोर्चा, जानिए क्या है मामला
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सतना. किसान समृद्धि योजना में 90 लाख के गड़बड़झाले पर अफसरों ने चुप्पी साध ली थी, लेकिन मामला संज्ञान में आने पर मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताई है। दरअसल, मंडी समिति नागौद में रबी २०१८ के सीजन के दौरान बिना आवक के ही गेहूं की संदिग्ध खरीदी पकड़ में आई थी। इसकी जांच के लिए एसडीएम नागौद के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम गठित की गई थी। जांच १५ फरवरी तक पूरी करनी थी, लेकिन न तो एसडीएम ने गंभीरता दिखाई न ही जिला स्तर से पूछ परख की गई। नतीजा ६ माह बाद भी जांच ठंडे बस्ते में पड़ी है। इसकी शिकायत भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से की। जिसके बाद शासन स्तर पर हलचल हुई है और जिला प्रशासन से मामले में तत्काल जांच रिपोर्ट मांग ली। भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के सदस्यों ने पत्रिका को बताया कि वर्ष २०१८ में कृषि उपज मंडी समिति नागौद में लगभग 90 लाख का गेहूं मात्र कागजों में ४-५ व्यापारियों ने क्रय कर मोटा मुनाफा कमाया है। शिकायत पर प्रबंध संचालक राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने उप संचालक कृषि विपणन बोर्ड रीवा से जांच कराई। इसमें ९० लाख का लेन देन फर्जी मिला था। इसके बाद दोषियों पर एफआइआर के निर्देश दिए गए। लेकिन चुनावी सीजन में राजनीतिक लाभ को देखते हुए कलेक्टर को पुन: सूक्ष्म जांच कराने के निर्देश दिए गए। यहीं से फर्जीवाड़े को छिपाने के खेल शुरू हो गया। समिति ने अब सीएम से जांच शीघ्र करवाकर दोषियों को दंड दिलाने को कहा है। जिसके बाद अधिकारियों में हलचल शुरू हो गई है। आनन फानन में पूर्व में जारी किए गए रिमांइडर तलाशे जाने लगे हैं और उन्हें जिला प्रशासन को भेजकर कार्यवाही के निर्देश दिए जा रहे हैं। बताया गया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले में हीलाहवाली बरतने पर नाराजगी जताई है।
सीएम को यह बताए गए तथ्य सीएम को बताया गया कि योजना का पूरा नियंत्रण व पर्यवेक्षण उप संचालक के जिम्मे था। प्राप्त आवंटन राशि का पूरा आहरण व वितरण उन्होंने ही किया था। किसानवार खाते में राशि भेजी थी। गड़बड़ी के जिम्मेदार भी वहीं हैं। अब जांच भी दोषी उपसंचालक से ही कराई जा रही है। सवाल है कि पूर्व की जांच में उप संचालक को दोषी क्यों नहीं बनाया गया? वहीं राजनेताओं पर भी भुगतान कराने और जांच में लीपापोती का आरोप है।
यह थी कमेटी इस मामले में फर्जीवाड़े के दोषी पाए गए ६ व्यापारियों की खरीदी की विस्तृत जांच करने के लिये जो कमेटी गठित की गई थी उसमें एसडीएम नागौद के नेतृत्व में उप संचालक किसान कल्याण, सहायक आपूर्ति अधिकारी जिला सतना, सहायक कोषालय अधिकारी जिला कोषालय, ओपी नामदेव कनिष्ठ अंकेक्षक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय रीवा को शामिल किया गया था।