PM मोदी आज करेंगे सतना एयरपोर्ट का वर्चुअल उद्घाटन: आदिवासी महिलाएं भरेंगी पहली ऐतिहासिक उड़ान, विंध्य क्षेत्र के 5 जिलों को मिलेगा सीधा लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, शनिवार 31 मई, 2025 को सुबह 10 बजे भोपाल के जंबूरी मैदान से सतना एयरपोर्ट का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इस नवनिर्मित एयरपोर्ट से 19 सीटर विमानों की सेवा शुरू होगी, जिसका सीधा लाभ सतना, पन्ना, मैहर, चित्रकूट और सीधी जिलों को मिलेगा। पहली ऐतिहासिक उड़ान में आदिवासी महिलाएं सतना से रीवा तक यात्रा करेंगी।;
Satna Airport Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, शनिवार, 31 मई, 2025 को सुबह 10 बजे मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित जंबूरी मैदान से सतना एयरपोर्ट का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इस महत्वपूर्ण परियोजना के पूर्ण होने से सतना सहित विंध्य क्षेत्र के निवासियों के लिए हवाई यात्रा सुगम हो जाएगी। एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और अब यहां से छोटे 19 सीटर विमानों की नियमित उड़ान सेवा शुरू की जाएगी। इस हवाई सेवा से विशेष रूप से सतना, पन्ना, मैहर, चित्रकूट और सीधी जैसे जिलों के लोगों को व्यापार, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए त्वरित कनेक्टिविटी का सीधा लाभ मिलेगा।
पहली ऐतिहासिक उड़ान में आदिवासी महिलाएं होंगी यात्री
इस ऐतिहासिक अवसर को और भी यादगार बनाते हुए, सतना एयरपोर्ट से आज ही पहली उड़ान भी संचालित की जाएगी। इस पहली और प्रतीकात्मक उड़ान की विशेष यात्री आदिवासी समुदाय की महिलाएं होंगी। ये महिलाएं सतना से रीवा तक की हवाई यात्रा करेंगी, जो क्षेत्रीय विकास में महिलाओं की भागीदारी और उनके सशक्तीकरण का एक महत्वपूर्ण संदेश भी देगा। इन सम्मानित यात्रियों में छोटी बाई कोल, बूटी कोल, संगीता कोल, सुमित्रा आदिवासी, रीतू कोल, मैना देवी कोल और भूरी कोल के नाम शामिल हैं।
सतना में स्थानीय उद्घाटन समारोह और वर्चुअल जुड़ाव का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री द्वारा भोपाल से किए जा रहे वर्चुअल उद्घाटन के समानांतर, सतना एयरपोर्ट परिसर में भी एक भव्य स्थानीय उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में जिले के प्रमुख जनप्रतिनिधियों, गणमान्य समाजसेवियों, उद्योगपतियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों समेत लगभग 1500 विशिष्ट मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त, मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी 'लाड़ली बहना योजना' की 1500 लाभार्थी बहनें भी इस ऐतिहासिक पल की साक्षी बनेंगी।
सतना एयरपोर्ट परिसर से सुबह 10 बजे शुरू होने वाले वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं कोऑपरेशन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल, मध्य प्रदेश सरकार के कुटीर एवं ग्रामोद्योग (स्वतंत्र प्रभार) तथा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल, स्थानीय सांसद गणेश सिंह और सतना विधायक डब्बू सिद्धार्थ कुशवाहा सहित अन्य गणमान्य नेता और अधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे।
आधुनिक सुविधाओं से लैस है नया सतना एयरपोर्ट
यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पुनर्निर्मित सतना एयरपोर्ट को सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। संपूर्ण एयरपोर्ट परिसर पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया गया है। यहां निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए बैटरी बैकअप और एक स्वतंत्र पावर हाउस की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से बम निरोधक उपकरण, चौबीसों घंटे एम्बुलेंस सेवा, मौसम विज्ञान से जुड़ी नवीनतम जानकारियां प्रदान करने वाली आधुनिक सुविधाएं, किसी भी आपात स्थिति के लिए इमरजेंसी एसेम्बली हॉल, समर्पित एयरपोर्ट सिक्योरिटी स्टाफ और हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों द्वारा रनवे की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। यात्रियों के लिए कैंटीन और एयरपोर्ट स्टाफ के लिए सिक्योरिटी कॉटेज जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।
85 साल पुरानी ऐतिहासिक हवाई पट्टी को मिला नया स्वरूप, 'उड़ान' योजना से हुआ विकास
सतना की यह हवाई पट्टी एक ऐतिहासिक महत्व रखती है। इसका निर्माण द्वितीय विश्व युद्ध के समय 1940 के दशक में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान किया गया था। पिछले कई दशकों में इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल समय-समय पर विभिन्न छोटे विमानों की लैंडिंग और टेक-ऑफ के लिए होता रहा है। अब केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी रीजनल कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस-उड़ान) के तहत इस ऐतिहासिक हवाई पट्टी का कायाकल्प कर इसे एक आधुनिक हवाई अड्डे के रूप में पुनर्विकसित किया गया है।
इस पुनर्निर्माण परियोजना पर लगभग 37 करोड़ रुपये की लागत आई है। तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखते हुए रनवे की लंबाई को मौजूदा जरूरतों के अनुसार 1800 मीटर से घटाकर 1200 मीटर किया गया है, जो 19 सीटर जैसे छोटे विमानों के सुरक्षित और सुगम संचालन के लिए सर्वथा उपयुक्त है। टर्मिनल भवन और अन्य संबंधित एयरसाइड व लैंडसाइड सुविधाओं का निर्माण कार्य भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा सितंबर 2024 में ही पूरा कर लिया गया था। यह हवाई अड्डा कुल 451.93 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, हालांकि इसमें से करीब 150 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण भी एक चुनौती बनी हुई है, जिसके निस्तारण के प्रयास जारी हैं।