विंध्य / बस संचालकों पर मेहरबानी आम जनता पर पड़ रही भारी! ओवरलोड बस को धक्का देकर चढ़ाया घाटी, 54 जलसमाधि के बाद भी लापरवाही
सतना। सीधी जिले में इतने बड़े बस हादसे के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है और आम जनों को मौत के मुंह में धकेलने का जैसे ठेका ले रखा हो। अधिकारियों की मेहरबानी आम जनता पर भारी पड़ रही है। ऐसी लापरवाही प्रतिदिन देखने को मिल रही हैं जहां ओवरलोड सवारियां बसों में भरी जा रही हैं और प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है।
सतना। सीधी जिले में इतने बड़े बस हादसे के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है और आम जनों को मौत के मुंह में धकेलने का जैसे ठेका ले रखा हो। अधिकारियों की मेहरबानी आम जनता पर भारी पड़ रही है। ऐसी लापरवाही प्रतिदिन देखने को मिल रही हैं जहां ओवरलोड सवालियां बसों में भरी जा रही हैं और प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है।
बीते दिवस मैहर के भदनपुर पहाड़ की घाटी का एक नजारा सामने आया जहां ओवरलोड खटारा बस पहाड़ी में बंद हो गई जिसे बस में बैठी सवारी पीछे से धक्का दे रही है। घंटों की मशक्कत के बाद बस स्टार्ट हुई। वहीं बस के अंदर का नजारा तो देखते ही बनता था। जितनी सवारी सीट पर बैठी थी कहीं उससे ज्यादा सवारी खड़े होकर सफर कर रही थी। 32 सीटर बस में 55 से 60 यात्री सवार थे। बताया गया है कि बस बरही से मैहर जा रही थी जहां ओवरलोडिंग की वजह से भदनपुर घाटी में बस बंद हो गई जिससे धक्का देकर घाटी चढ़ाना पड़ा।
आम जन की जिंदगी से खिलवाड़ जारी
गत दिवस पहाड़ी चढ़ रही एक बस के जो हालात सामने आये हैं उससे तो यही साबित हो रहा है कि आम जनों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने में जिम्मेदारों द्वारा कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इस बस में भी सीधी जैसे ही छात्र-छात्राओं से पूरी बस खचाखच भरी थी। यहां प्रशासन की लापरवाही साफ झलकती है। अगर समय रहते इन बसों पर कार्यवाही नहीं की गई तो सीधी जैसी घटना की पुनरावृत्ति को कोई नहीं रोक सकता है। आरटीओ विभाग तथा प्रशासन के अधिकारी आगे क्या कदम उठाएंगे इसका इंतजार होगा।