रीवा के उभरते गायक आलोक तिवारी: कम उम्र में बनाई खास पहचान, भजनों से लेकर फ़िल्मी गाने तक का सफर

रीवा जिले के रौरा गांव के युवा गायक आलोक तिवारी ने अपनी मधुर आवाज से न केवल मध्य प्रदेश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। जानें उनके संगीत सफर की कहानी और पारिवारिक पृष्ठभूमि।

Update: 2025-05-03 18:30 GMT

Alok Tiwari In Rewa: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के छोटे से गांव रौरा से निकलकर एक युवा गायक ने अपनी सुरीली आवाज से लाखों दिलों को छू लिया है। हम बात कर रहे हैं आलोक तिवारी की, जो अब रीवा की शान बन चुके हैं। कम उम्र में ही उन्होंने भजन, लोकगीत और फिल्मी गानों की गायकी से अपनी एक खास पहचान बना ली है।

स्थानीय से वैश्विक मंच तक पहुंची आवाज

आलोक तिवारी की आवाज आज रीवा तक सीमित नहीं रही, बल्कि भारत के विभिन्न राज्यों और कई देशों में भी उनकी गायकी की सराहना हो रही है। सोशल मीडिया और डिजिटल म्यूजिक प्लेटफॉर्म्स पर उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। उनका संगीत युवाओं के साथ-साथ हर उम्र के लोगों को आकर्षित करता है।

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भक्ति संगीत से लेकर बॉलीवुड धुनों तक का सफर

आलोक तिवारी भजन, कीर्तन और भक्ति संगीत में विशेष रुचि रखते हैं। उन्होंने कई प्रसिद्ध भजनों को अपनी आवाज दी है, जिनमें भक्ति की भावना के साथ-साथ शास्त्रीय गायकी की झलक भी मिलती है। साथ ही, वे हिंदी फिल्मी गानों को भी अपने अंदाज में प्रस्तुत करते हैं, जो श्रोताओं को बहुत पसंद आता है।

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पारिवारिक पृष्ठभूमि: पिता हैं समाजसेवी

आलोक तिवारी के पिता श्री शैलेन्द्र तिवारी एक प्रसिद्ध समाजसेवी हैं, जो सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उन्होंने हमेशा अपने बेटे को संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। पारिवारिक सहयोग और खुद की मेहनत से आलोक ने वह मुकाम हासिल किया है, जिसकी कल्पना हर युवा कलाकार करता है।

भविष्य की संभावनाएं और फैंस की उम्मीदें

आलोक तिवारी की गायकी को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भविष्य में वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। उनकी मेहनत, आवाज का जादू और कला के प्रति समर्पण उन्हें एक सफल संगीतकार बनने की दिशा में अग्रसर कर रहा है। उनके प्रशंसक आने वाले समय में उन्हें बड़े मंचों पर देखने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

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