श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा में फिर दो डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा, दो महीने में तीसरा मामला; व्यवस्थाओं पर उठे सवाल
रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में दो महिला डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया। दो महीने में तीसरा इस्तीफा। आंतरिक विवाद और प्रबंधन पर सवाल। सेवाओं और शिक्षण पर असर।;
रीवा मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के इस्तीफों का सिलसिला जारी
रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज और संजय गांधी अस्पताल की व्यवस्थाएँ एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई हैं। कॉलेज में दो महिला डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया, जबकि एक अन्य डॉक्टर के भी नौकरी छोड़ने की तैयारी की जानकारी सामने आ रही है। इससे पहले भी एक वरिष्ठ महिला चिकित्सक कॉलेज छोड़ चुकी हैं।
दो महिला डॉक्टरों ने सौंपा इस्तीफा
जानकारी के अनुसार, डॉ. सरिता सिंह और डॉ. पूजा गंगवार ने कॉलेज प्रशासन को अपना लिखित इस्तीफा सौंप दिया है। इससे पहले वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. कल्पना यादव भी नौकरी छोड़ चुकी हैं। वहीं विभागीय असंतुलन और आंतरिक तनाव की वजह से डॉ. पद्मा शुक्ला ने लंबी छुट्टी ले ली है।
स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षण पर असर
पिछले दो महीनों में तीन डॉक्टरों के इस्तीफे से अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं के साथ-साथ शिक्षण गतिविधियों पर भी असर पड़ा है। विभागों में स्टाफ की कमी बढ़ रही है, जिससे OPD, वार्ड राउंड और इमरजेंसी सेवाओं पर दबाव बढ़ा है।
प्रबंधन के रवैये पर उठ रहे सवाल
सूत्रों के अनुसार, प्रबंधन की कार्यशैली, पदस्थापन असंतुलन और विभागीय खींचतान के कारण कई डॉक्टर मानसिक तनाव की स्थिति में काम कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ और डॉक्टर भी इस्तीफा देने की तैयारी में हैं। ऐसे में कॉलेज को पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
अत्याधुनिक सुविधाएं भी असरहीन?
प्रदेश के डिप्टी सीएम एवं मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अस्पताल और कॉलेज में मशीनें, निर्माण और संसाधन उपलब्ध कराए हैं, लेकिन डॉक्टरों के लगातार संस्थान छोड़ने से यह सुधार प्रयास व्यवहारिक स्तर पर प्रभावी नहीं दिखाई दे रहे।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने डॉक्टरों के इस्तीफे को निजी कारणों से जुड़ा बताया है। उन्होंने कहा कि खाली पदों की जल्द भर्ती की जाएगी ताकि मरीजों को किसी प्रकार की तकलीफ न हो।
FAQs
Q1. कितने डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है?
हाल ही में दो डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया, जबकि दो महीने में तीसरा इस्तीफा सामने आ चुका है।
Q2. इस्तीफे की वजह क्या मानी जा रही है?
सूत्रों के मुताबिक प्रबंधन की कार्यशैली और विभागीय तनाव मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।
Q3. क्या इससे मरीज सेवाओं पर प्रभाव पड़ेगा?
हाँ, विभागों में डॉक्टरों की कमी के चलते उपचार और शिक्षण दोनों पर असर पड़ रहा है।