REWA NEWS : बैंक ने दी कर्ज वसूली की धमकी तो किसान ने कर ली खुदकुशी

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Update: 2021-02-16 06:10 GMT

REWA: सेमरिया विधानसभा के एक गरीब किसान की आखिरकार कर्ज के बोझ में सांस टूट गई। गरीब किसान साल भर से कर्ज माफी की आस में बैठा था लेकिन जब पिछले महीने बैंक ने वसूली नोटिस भेजा और कर्ज की राशि जमा नहीं करने पर कुर्की की धमकी दी तो गरीब किसान का धैर्य टूट गया और उसने बुधवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

किसानों को कर्ज माफी के वादे के साथ साा में आई कांग्रेस सरकार का वादा भी छलावा निकला। प्रदेश के मुयमंत्री कमलनाथ ने साा की बागडोर संभालते हैं किसानों के कर्ज माफी का ऐलान कर अपनी पीठ तो खूब थपथपवाई लेकिन किसानों को लाभ नहीं मिल पाया। सरकार की घोषणा केवल सरकारी फाइलों तक ही सिमट कर रह गई। साल भर के इंतजार के बावजूद भी किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ। हांलाकि सहकारी बैंकों के ऋणी किसानों को कर्जमाफी का प्रमाण पत्र तो दे दिया गया है लेकिन राष्ट्रीयकृत सरकारी बैंक सरकार द्वारा माफी राशि नहीं मिलने से नहीं मान रहे हैं। सरकारी बैंक किसानों को वसूली नोटिस भेज रहे हैं। सेमरिया मामले में भी यही हुआ और किसान कुर्की के डर से आत्म हत्या कर लिया। मिली जानकारी के मुताबिक सेमरिया विधानसभा क्षेत्र के पटना शाहपुर निवासी वंशपति प्रसाद साहू पुत्र बोड्डे साहू उम्र 54 वर्ष एक छोटा किसान है। उसने खेती के लिए मध्यांचल ग्रामीण बैंक से डेढ़ लाख रुपए का कर्ज लिया था जो बढ़कर दो लाख 25 हजार हो गया था। 31मार्च 2018 की स्थिति में प्रदेश के मुयमंत्री कमलनाथ के जय किसान ऋणमाफी योजना के तहत अन्य किसानों के साथ ही वंशपति साहू का नाम भी कर्जमाफी की सूची में था। योंकि उसका मूल ऋण दो लाख के भीतर था। वंशपती ने भी कर्जमाफी के लिए आवेदन जमा किया था। आवेदन देने के बाद वंशपति इस बात से खुशी था कि उसका खेती का कर्जा माफ हो गया लेकिन साल भर के इंतजार के बाद जब ऋण माफी नहीं हुई और मध्यांचल ग्रामीण बैंक द्वारा वंशपति को वसूली नोटिस अगस्त महीने में भेजा दी गई तो वह परेशान होगया। बैंक ने उसे 10 दिन के भीतर कर्ज कीअदायगी का नोटिस दिया था।

सरकार द्वारा समय-समय पर दिए जा रहे आश्वासनों के कारण वह कर्जमाफी की आस में था और वंशपति साहू कर्ज का पैसा नहीं जमा किया। लेकिन पिछले दिनों जब बैंक ने पैसा नहीं जमा करने पर कुर्की की घुड़की दी तो उसका धैर्य टूट गया और उसने बुधवार की दरयानी रात उसने मौत को गले लगा लिया। यहां सवाल यह है कि भाजपा सरकार पर किसान विरोधी होने का ठीकरा फोडऩे वाली कांग्रेस सरकार ने किसानों के प्रति हमदर्दी जताने के लिए ऋण माफी की घोषणा तो की लेकिन वह अपने वादे पर खरे नहीं उतर पाए। हालांकि किसान वंशपति साहू की मौत किन कारणो से हुईयह स्पष्ट नहीं हो पाया है। पारिवारिक सूत्रों की माने तो बैंक की वसूली नोटिस से वंशपति काफी दिनो से परेशान था। रबी सीजन में बोनी के लिए खाद बीज की चिंता के साथ ही बैंक का कर्ज जमा करने के बढ़ते दबाव के कारण वह असहज दिख रहा था।

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