रीवा का पूर्वा जलप्रपात: मध्य प्रदेश का छिपा स्वर्ग, जहां बरसात में प्रकृति बिखेरती है अपना जादू, Video में देखे खूबसूरती....

पूर्वा जलप्रपात, मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्थित एक बेहद खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है, जिसे बारिश के मौसम में देखने के लिए देशभर से सैलानी खिंचे चले आते हैं। जानें इसकी खासियत और पर्यटन महत्व।;

Update: 2025-05-03 18:03 GMT

मध्य प्रदेश का रीवा जिला अपनी हरी-भरी वादियों, घने जंगलों और जलप्रपातों के लिए जाना जाता है। इसे "सिटी ऑफ वाटरफॉल्स" कहा जाता है क्योंकि यहां लगभग 60 से 70 किलोमीटर के दायरे में एक से बढ़कर एक जलप्रपात मौजूद हैं। इन्हीं में से एक है पूर्वा जलप्रपात, जो न केवल रीवा का बल्कि पूरे मध्य भारत का एक प्राकृतिक चमत्कार माना जाता है।

पूर्वा जलप्रपात: गोदहा गांव के पास बसा प्रकृति का स्वर्ग

पूर्वा जलप्रपात रीवा शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर, वीणा-सेमरिया मार्ग पर स्थित है। यह जलप्रपात गोदहा गांव पार करने के बाद पुरवा गांव के पास स्थित है। इस जलप्रपात की ऊंचाई लगभग 70 मीटर (230 फीट) है, जहां से गिरता पानी एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। बारिश के मौसम में जब नदी अपने पूरे वेग में होती है, तब यह स्थल जीवंत हो उठता है।

यहाँ देखे प्रकृति के नज़ारे का वीडियो

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तमसा नदी पर बसा यह जलप्रपात बना है आस्था और सौंदर्य का संगम

पूर्वा जलप्रपात तमसा नदी (जिसे टोंस नदी भी कहा जाता है) पर स्थित है। जलप्रपात के पास ही बसामन मामा नामक धार्मिक स्थल भी है, जो स्थानीय लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यह स्थल प्रकृति और अध्यात्म का सुंदर मेल है, जहां दर्शन के साथ-साथ प्राकृतिक नजारों का आनंद लिया जा सकता है।

बारिश में बढ़ती है खूबसूरती, नहीं हटती सैलानियों की नजरें

मानसून के समय पूर्वा जलप्रपात की खूबसूरती चरम पर होती है। झरने की धारा इतनी तीव्र होती है कि उसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है। हर साल हजारों पर्यटक यहां सिर्फ इस मनोहारी दृश्य का आनंद लेने पहुंचते हैं। कई फोटोग्राफर और प्रकृति प्रेमी इस स्थान को अपनी यात्रा सूची में शामिल करते हैं। यहां का शांत वातावरण और हरियाली सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

कैसे पहुंचे पूर्वा वाटरफॉल?

रीवा शहर से टैक्सी या निजी वाहन के माध्यम से मात्र 25 किलोमीटर की दूरी तय कर पूर्वा जलप्रपात पहुंचा जा सकता है। सड़क मार्ग अच्छा है और रास्ते में भी प्राकृतिक दृश्य बेहद आकर्षक होते हैं। यात्रा के लिए मानसून सबसे अच्छा समय है, जब झरना पूरी भव्यता से बहता है।

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