रीवा: फ्रूटी पैक में मिला मरा कीड़ा, बच्चे के मुंह में गया कीड़ा, परिवार में दहशत

रीवा जिले के गुड़हाई बाजार में बच्चों द्वारा पसंद किए जाने वाले फ्रूटी पेय पदार्थ के पैक से मृत कीड़ा मिलने का मामला सामने आया है। इस घटना ने न केवल उपभोक्ताओं को चौंकाया है, बल्कि खाद्य सुरक्षा और ब्रांड की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।;

Update: 2025-05-04 08:39 GMT

यह घटना उस वक्त सामने आई जब एक युवक ने अपने छोटे बच्चे के लिए स्थानीय दुकान से फ्रूटी का पैकेट खरीदा। बच्चे ने जैसे ही पैक से जूस पीना शुरू किया, स्ट्रॉ से एक मरा हुआ कीड़ा निकल आया। यह देखकर बच्चे के पिता घबरा गए और तुरंत बच्चे को उल्टी कराई। पूरे परिवार में दहशत का माहौल बन गया। बच्चे की तबीयत बिगड़ने की आशंका से परिजन बेहद चिंतित हो गए।

दुकान संचालक की लापरवाही और खाद्य विभाग की चुप्पी

जब इस घटना की जानकारी दुकानदार को दी गई, तो उसने जिम्मेदारी लेने के बजाय मामले को टालने की कोशिश की। न कोई माफी, न समाधान का प्रयास। परेशान युवक ने इस मामले की शिकायत खाद्य सुरक्षा विभाग में करने का निर्णय लिया है। यह घटना इस बात को उजागर करती है कि खाद्य विभाग की निगरानी व्यवस्था में कहीं न कहीं गंभीर लापरवाही है। 

क्या अब भरोसेमंद नहीं रहे ब्रांडेड उत्पाद?

यह घटना केवल एक व्यक्ति या एक दुकान तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे ब्रांड और पैक्ड फूड सिस्टम पर सवाल खड़ा करती है। बड़े-बड़े ब्रांड जो गुणवत्ता का दावा करते हैं, अगर उनके उत्पादों में इस तरह की चूक हो रही है तो उपभोक्ताओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी? इससे यह भी साफ है कि नामी कंपनियों पर आंख मूंदकर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है।

उपभोक्ता रहें सतर्क, गुणवत्ता की जांच जरूरी

हर उपभोक्ता की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह पैक्ड खाद्य या पेय पदार्थ खरीदते समय उसकी वैधता, सीलिंग और साफ-सफाई की स्थिति की जांच करे। इसके अलावा, किसी भी प्रकार की गड़बड़ी सामने आने पर तत्काल संबंधित अधिकारी या उपभोक्ता फोरम को सूचित करें। साथ ही, खाद्य विभाग को भी समय-समय पर दुकानों और ब्रांड उत्पादों की जांच करनी चाहिए।

प्रशासन और खाद्य विभाग से सवाल

अब यह सवाल प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग से है कि क्या वे इस मामले में सख्त कार्रवाई करेंगे? क्या दोषी ब्रांड और दुकानदार पर जुर्माना या लाइसेंस रद्द जैसी कार्रवाई होगी? और क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कोई ठोस रणनीति बनाई जाएगी?

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