रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पहली बार IVUS मशीन से जटिल एंजियोप्लास्टी

रीवा के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में IVUS मशीन के माध्यम से पहली बार हृदय की मुख्य नस (लेफ्ट मेन) की जटिल एंजियोप्लास्टी की गई है।

Update: 2024-03-20 09:03 GMT

रीवा. मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हार्ट की समस्या पर एक और जटिल ऑपरेशन किया गया है। आईवीयूएस मशीन के माध्यम से पहली बार हृदय की मुख्य नस (लेफ्ट मेन) की जटिल एंजियोप्लास्टी की गई है। अस्पताल में यह मशीन उपलब्ध नहीं होने से अब तक इसकी समस्या से जुड़े मरीजों को बाहर भेजा जाता रहा है। कुछ दिन पहले ही अस्पताल को आईवीयूएस मशीन उपलब्ध कराई गई। जिसके चलते पहली बार प्रोसीजर किया गया है। जिसमें मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है।

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग में बीते दो सप्ताह में तीन ऐसे मरीज सामने आए जिनकी मुख्य नस की एंजियोप्लास्टी की गई है। चिकित्सकों ने कहा है कि तीनों एंजियोप्लास्टी पूरी तरह से सफल रही है। अब इस समस्या के चलते मरीज को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह प्रोसीजर कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वीडी त्रिपाठी द्वारा किया गया। जिसमें जय नारायण मिश्रा, सत्यम शर्मा, मनीष तिवारी, सुधांशु त्रिपाठी, ऋषभ पांडे, शुभम शाह आदि भी मौजूद रहे।

जानें आईवीयूएस मशीन के बारे में

आईवीयूएस एक अति सूक्ष्म सोनोग्राफी मशीन है जिसे हृदय की नसों में डालकर बीमारी की गंभीरता का अध्ययन किया जाता है। इसके माध्यम से सटीक एंजियोप्लास्टी की जाती है। इस मशीन की कीमत 1 करोड रुपए है लेकिन रीवा में इसकी गैर मौजूदगी के चलते बड़ी संख्या में मरीज वापस लौट रहे थे। इसके माध्यम से सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा में अब हृदय में ब्लड सप्लाई करने वाली मुख्य नस लेफ्ट मेन जिसके बंद होने से मनुष्य की तुरंत मौत की आशंका होती है उसे खोला जा सकेगा।

आईवीयूएस मशीन की उपलब्धता से रीवा में हार्ट के मुख्य नस में एंजियोप्लास्टी की सुविधा उपलब्ध हो गई है। इसके प्रोसीजर सफलता पूर्वक संपन्न किए गए हैं। इस नस के ब्लाकेज से तुरंत मौत का खतरा होता है। समय रहते मरीज के आने पर जान बचाई जा सकेगी। - प्रो. वीडी त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष कार्डियोलॉजी मेडिकल कॉलेज रीवा

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