Hanuman Jayanti 2023: रीवा के 3 ऐसे हनुमान मंदिर, जहां जिला से लेकर सुप्रीम दरबार में होती है सुनवाई; जानें इनके बीच का रहस्यमयी संबंध

आज 6 अप्रैल को देश भर में महावीर हनुमान का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। इस बीच हम आपको एमपी के रीवा (Rewa) में ऐसे प्रसिद्ध एवं चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहें हैं, जहां प्रभु हनुमान के जिला, हाई और सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई जाती है।

Update: 2023-04-05 18:45 GMT

आज 6 अप्रैल को देश भर में महावीर हनुमान का जन्मोत्सव (Hanuman Jayanti 2023) मनाया जा रहा है। इस बीच हम आपको एमपी के रीवा (Rewa) में ऐसे प्रसिद्ध एवं चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहें हैं, जहां प्रभु हनुमान के जिला, हाई और सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई जाती है।

माना जाता है कि कलयुग के देव हनुमान जी हैं। ऐसी मान्यताएं रीवा में चरितार्थ भी होती हैं। यहाँ हनुमान जी के तीन सुप्रसिद्ध मंदिर हैं। जिनकी पहचान अदालत के रूप में होती है। जिला अदालत, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दरबार में भक्त अपनी समस्या लेकर पहुंचते हैं। उन्हे विश्वास है कि उनकी मनोकामना यहां पूरी होती है।

चिरहुलानाथ है जिला अदालत


ऐतिहासिक चिरहुलानाथ की पहचान जिला अदालत के रूप में है। कंहा जाता है कि परेशान लोग सबसे पहले यहाँ अपनी अर्जी लगाने पहुचते है। उनकों विश्वास रहता है कि उनकी मनोकामना पूरी होगी। यही वजह है कि यहां सबसे ज्यादा भक्तों की भीड़ पहुचती है। हनुमान जयंती, गुरू पूर्णिमा एवं प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को तो मानो भक्तों का सैलाब उमड़ता है। तो वही अषाण मास में एक महीने का मेला लगता है। जिसमें दूरदराज से भी लोग चिरूहुला नाथ के दरबार में पहुंचते हैं। इनकी इतनी महिमा है कि यहां हमेशा कथा-पूजन, 24 घंटे का मानस पाठ व भंडारे के आयोजन होते हैं।

फैसला न होने पर जाते हैं रामसागर के दरबार


ज्यादातर भक्तों की चिरहुला मंदिर में मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए कम ही लोगों को प्रार्थना लेकर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट दरबार में जाना पड़ता है। चिरहुलानाथ स्वामी का फैसला नहीं आया तो लोग रामसागर मंदिर यानि की हाई कोर्ट दरबार में अर्जी दाखिल करते हैं।

सबसे आखिरी में खेमसागर पहुचती है अर्जी


रामसागर के बाद खेम सागर का नंबर आता है, यानि की इन्हे सुप्रीम कोर्ट दरबार कहा जाता है। इस संबंध में मंदिर के पुजारियों का कहना है कि जब रीवा राज्य की राजधानी बसाई जा रही थी, तब चिरहुलदास महाराज ने मंदिर बनवाई थी। मंदिर 500 वर्ष से भी पुराना है।

तीनो के बीच है रहस्यमयी संबंध

  • चिरहुलानाथ मंदिर जिला अदालत दरबार, रामसागर मंदिर हाई कोर्ट दरबार और खेमसागर मंदिर सुप्रीम कोर्ट दरबार एक ही सीधाई में हैं।
  • एक मंदिर से दूसरे मंदिर की दूरी भी निश्चित पैमाने पर है।
  • तीनों मंदिरों के किनारे तालाब भी निर्मित हैं।
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