नेशनल हेराल्ड केस क्या है जिसमे ED ने राहुल और सोनियां गांधी को नोटिस दिया है, 8 जून को दोनों पेश होंगे

What Is National Herald case In Hindi Explained: प्रवर्तन निदेशालय ED ने नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मामले में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पूछताछ करने के लिए 8 जून को पेश होने को कहा है

Update: 2022-06-01 10:46 GMT

क्या है नेशनल हेराल्ड केस: बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को नोटिस थमाया है, ED ने दोनों को नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए 8 जून को पेश होने के निर्देश दिए हैं. ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस अंडर सेक्शन 50 के तहत इंक्वायरी बैठाई है। 

नेशनल हेराल्ड केस में ना सिर्फ राहुल और सोनिया गांधी बल्कि कांग्रेस के पवन बंसल मल्लिकार्जुन खगड़े को भी ED ने अपने दायरे में लिया है. हालांकि इन दोनों नेताओं से 12 अप्रैल को पूछताछ हो चुकि है, अब सोनिया व् राहुल गांधी की बारी है. ED द्वारा कांग्रेस के सुप्रीम लीडर्स को समन भेजने के बाद कांग्रेस केंद्र पर हमलावर हो गई है और मोदी सरकार पर हमेशा की तरह जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल व बदले की राजनीति करने जैसे आरोप लगा रही है. 

क्या है नेशनल हेराल्ड केस 

What is National Herald Case: साल 2014 ने बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर केस दर्ज किया था, सुब्रमण्यम स्वामी ने सभी सबूतों के साथ यह आरोप लगाया था गांधी परिवार ने 55 करोड़ रुपए का गोलमाल किया है, यह केस बीते 8 साल से चल रहा है लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकलकर आया है. 

सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2012 में आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने पार्टी फंड से राहुल और सोनिया गांधी को 90 करोड़ रुपए दिए थे, जिसका मकसद असोसिएट जर्नल्स की 2 हाज़र करोड़ की संपत्ति को हासिल करना था. और इसके लिए गांधी परिवार ने सिर्फ 50 लाख रुपए दिए थे. 2000 करोड़ की संपत्ति को सोनिया गांधी 50 लाख में खरीदी थी.  

नेशनल हेराल्ड केस विस्तार से 

National Herald case in detail In Hindi: बात शुरू होती है साल 1938 से जब कांग्रेस पार्टी ने असोसिएट जर्नल्स लिमिटड (Associate Journals Ltd.) का गठन किया था. इसी के तहत राष्ट्रीय अख़बार प्रकाशित किया जाता था. AJL पर 90 करोड़ का कर्ज हो गया था, और इसी कर्ज को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने नई कंपनी Young India Ltd. बनाई थी. 

  • Young India Ltd. में राहुल और सोनिया गांधी की 38-38% पार्टनरशिप थी, यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए गए और यंग इंडिया को AJL का कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी दे दी गई. लेकिन शेयर ज़्यादा होने से यंग इंडिया लिमिटेड को ही मालिकाना हक़ मिल गया बाद में AJL का 90 करोड़ का कर्ज कांग्रेस ने माफ़ कर दिया। 
  • उसके बाद से अबतक इस केस में कई बार कार्रवाई हुई 1 नवंबर 2012 को दिल्ली कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराया, जिसमें सोनिया-राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपी बनाए गए।26 जून 2014 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया-राहुल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया।1 अगस्त 2014 के प्रवर्तन निदेशालय ED ने इस मामले में संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला  दर्ज किया।2019 में इस केस से जुड़े 64 करोड़ की संपत्ति को ईडी ने जब्त किया।
  • 19 दिसंबर 2015 को इस केस में सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को दिल्ली पटियाला कोर्ट ने जमानत दे दी। 9 सितंबर 2018 को दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सोनिया और राहुल को करारा झटका दिया था। कोर्ट ने आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी।कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी, लेकिन 4 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने कहा कि आयकर की जांच जारी रहेगी। अब ED ने पूछताछ के लिए राहुल और सोनिया गांधी को 8 जून के दिन दिल्ली कार्यालय में पेश होने के लिए कहा है.






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