ट्रम्प का भारत पर नया हमला: टैरिफ कम करने की पेशकश बहुत देर से, अब नहीं; US ने भारतीय ब्राह्मणों पर लगाया गंभीर आरोप

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दावा किया है कि भारत ने टैरिफ कम करने की पेशकश की है, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। उन्होंने भारत-अमेरिका व्यापार को 'एकतरफा आपदा' बताया।;

Update: 2025-09-01 14:46 GMT

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है। उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर दावा किया कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर टैरिफ कम करने की पेशकश की है, लेकिन उनके हिसाब से अब बहुत देर हो चुकी है। ट्रम्प ने भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को "एकतरफा आपदा" बताते हुए कहा कि भारत अमेरिका को बहुत सारा सामान बेचता है, जबकि अमेरिका भारत को बहुत कम सामान बेच पाता है।

ट्रम्प ने लगाया 'एकतरफा व्यापार' का आरोप

ट्रम्प ने लिखा कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाए हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में व्यापार करना मुश्किल हो गया। उन्होंने इस स्थिति को "एकतरफा आपदा" कहा। इसके अलावा, उन्होंने भारत पर रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने का भी आरोप लगाया, जिसे वे एक पुरानी समस्या मानते हैं। ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने SCO समिट के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने दोस्ती को बताया खास

ट्रम्प के बयान के ठीक उलट, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत-अमेरिका के रिश्तों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह 21वीं सदी की सबसे खास साझेदारी है। उन्होंने कहा कि दोनों देश अपनी जनता, तरक्की और नई संभावनाओं पर मिलकर काम कर रहे हैं। नई तकनीक, व्यापार, रक्षा और आपसी संबंधों से यह दोस्ती और मजबूत हो रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह साझेदारी दोनों देशों के लोगों के प्यार और विश्वास पर टिकी है।

सलाहकार ने भारतीय ब्राह्मणों पर लगाया मुनाफाखोरी का आरोप

ट्रम्प के बयान से कुछ देर पहले ही उनके व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भी भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि भारत के ब्राह्मण रूसी तेल से मुनाफा कमा रहे हैं, जिसकी कीमत पूरे देश को चुकानी पड़ रही है। नवारो ने भारत को "रूस की धुलाई मशीन" कहते हुए आरोप लगाया कि भारत न सिर्फ व्यापार असंतुलन बढ़ा रहा है, बल्कि ऐसे गठबंधन भी मजबूत कर रहा है जो अमेरिका के हितों के खिलाफ हैं।

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