वोटर लिस्ट में 'जिंदा को मुर्दा' दिखाने पर SC सख्त, चुनाव आयोग से मांगा जवाब
बिहार की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। कपिल सिब्बल ने दावा किया कि कई जीवित लोगों को मृत घोषित कर दिया गया है, जिस पर कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।;
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बिहार वोटर लिस्ट में गड़बड़ी: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे. बागची की बेंच आरजेडी नेता मनोज झा की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल की दलीलें सुनीं। सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि एक ही निर्वाचन क्षेत्र में 12 ऐसे लोग मिले हैं, जिन्हें मृत घोषित कर दिया गया है, जबकि वे जीवित हैं। उन्होंने एक और घटना का भी जिक्र किया, जहां एक जीवित व्यक्ति को मृत मान लिया गया था।
चुनाव आयोग ने मानी गलतियों की बात
कपिल सिब्बल की दलीलों पर चुनाव आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया में कुछ गलतियां होना स्वाभाविक है। उन्होंने यह भी बताया कि यह एक ड्राफ्ट लिस्ट है, इसलिए मृत व्यक्तियों को जीवित और जीवित को मृत घोषित करने जैसी गलतियों को सुधारा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह तथ्यों और आंकड़ों के साथ तैयार रहे, क्योंकि कोर्ट प्रक्रिया शुरू होने से पहले और बाद के मतदाताओं की संख्या, मृतकों की संख्या और अन्य प्रासंगिक जानकारियों पर सवाल पूछेगा।
विपक्ष का आरोप: करोड़ों नागरिकों को वोट से वंचित करने की साजिश
विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग की यह प्रक्रिया करोड़ों पात्र नागरिकों को उनके वोट देने के अधिकार से वंचित कर सकती है। बिहार में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 1 अगस्त को जारी हुई थी और फाइनल लिस्ट 30 सितंबर को प्रकाशित होनी है। 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर बिहार में मतदाता सूची की SIR में बड़े पैमाने पर मतदाताओं को हटाया गया है, तो वह तुरंत हस्तक्षेप करेगा।
कई विपक्षी नेताओं ने दायर की है याचिका
आरजेडी सांसद मनोज झा और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के अलावा, कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी चुनाव आयोग के 24 जून के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इनमें कांग्रेस से के.सी. वेणुगोपाल, एनसीपी (एसपी) से सुप्रिया सुले, सीपीआई से डी. राजा और एसपी से हरेंद्र सिंह मलिक जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने भी चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है।