रिव्यू मीटिंग में भड़के मोदी के मंत्री: अधिकारियों को बंद करके पीटा, एक का हाथ टूटा

रिव्यू मीटिंग के दौरान मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री बिस्वेश्वर टुडू अधिकारियों पर किसी बात को लेकर भड़क गए, उन्होंने बंद कमरे में उन पर हमला कर दिया. जिसमें से एक अधिकारी का हांथ फ्रैक्चर हो गया है, अधिकारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

Update: 2022-01-22 07:17 GMT

Union Minister Bishweswar Tudu

रिव्यू मीटिंग के दौरान मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री बिस्वेश्वर टुडू (Union Minister Bishweswar Tudu) अधिकारियों पर किसी बात को लेकर भड़क गए, उन्होंने बंद कमरे में उन पर हमला कर दिया. जिसमें से एक अधिकारी का हांथ फ्रैक्चर हो गया है, अधिकारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

मामला केंद्रीय मंत्री बिस्वेश्वर टुडू के गृह नगर ओडिशा के बारीपदा की है. बिस्वेश्वर टुडू मोदी सरकार के आदिवासी मामलों के और जल शक्ति राज्य मंत्री हैं. विश्वेश्वर टुडु मयूरभंज से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद हैं और पिछले साल जुलाई में कैबिनेट पुनर्गठन के दौरान पीएम मोदी ने उन्हें राज्य मंत्री बनाया था.

केंद्रीय मंत्री बिस्वेश्वर टुडू पर आरोप है कि उन्होंने रिव्यू मीटिंग के दौरान दो अधिकारियों को जमकर पीटा है. जिसमें से एक अधिकारी देबाशीष महापात्रा का हाथ टूट गया है. जबकि अश्विनी कुमार मलिक को चोटें आई है. दोनों अधिकारियों को बारीपदा के पीआरएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.

बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री बिस्वेश्वर टुडू ने अपने ऑफिस में एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में District Planning and Monitoring Unit के उप-निदेशक अश्विनी कुमार मलिक और असिस्टेंट डायरेक्टर देबाशीष महापात्रा को बुलाया गया था. ये घटना शुक्रवार की है.

रिव्यू मीटिंग के दौरान भड़के केंद्रीय मंत्री

पीड़ितों का आरोप है कि रिव्यू मीटिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री बिस्वेश्वर टुडू किसी बात को लेकर बहुत उग्र हो गए और उन्होंने अंदर से दरवाजा बंद कर दोनों अफसरों पर कुर्सी से हमला कर दिया. इस हमले में देबाशीष महापात्रा का हाथ टूट गया है. जबकि अश्विनी कुमार मलिक को चोटें आई है. दोनों अधिकारियों को बारीपदा के पीआरएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.

केंद्रीय मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज

केंद्रीय मंत्री बिस्वेश्वर टुडू के खिलाफ दो सरकारी अधिकारियों द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर बारीपदा टाउन पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 323, 325, 294 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

घायल अधिकारियों में से एक, देबाशीष महापात्र ने कहा, "मंत्री ने पहले हमें यह कहते हुए डांटा कि हमने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है. हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि अगर हम आदर्श आचार संहिता के समय फाइलों के साथ उनके कार्यालय जाते तो यह अनुचित होता. आगामी पंचायत चुनावों के कारण राज्य में आचार संहिता लागू है. लेकिन, वह नाराज हो गए और हमें मारना शुरू कर दिए."

केंद्रीय मंत्री का आरोपों से इनकार

इस बीच, केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडु ने आरोपों से साफ इनकार किया और कहा कि यह पंचायत चुनाव से पहले उनकी छवि खराब करने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि आरोप झूठे और निराधार हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "वे मेरे पास आए, हम लगभग आधा घंटा बैठे रहे, लंच का समय था, समीक्षा बैठक पूरी नहीं हो सकी, इसलिए मैंने उन्हें कल फिर आने के लिए कहा, वे कभी वापस नहीं लौटे."

...तो क्या वे लौट पाते

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने उनसे फाइलों के साथ आने के लिए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए 7 करोड़ रुपये कैसे खर्च किए गए, अब वे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं, अगर मैंने उन्हें पीटा होता, तो क्या वे (मेरे कार्यालय से) वापस लौट पाते.

किसी तरह जान बचाकर भागे

वहीं अश्विनी मलिक ने कहा कि जब हम दोनों मंत्री के पार्टी कार्यालय में मिले तो उन्होंने आपा खो दिया क्योंकि हम MPLADS की फाइल लाना भूल गए थे. उन्होंने कहा, "मंत्री हम दोनों पर भड़कने लगे और हमें गालियां देने लगे और फिर हमें प्लास्टिक की कुर्सी से पीटना शुरू कर दिया, किसी तरह हम दोनों मौके से भागने में सफल रहे." अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

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