Helicopter Crash Update: CDS Bipin Rawat के हेलीकाप्टर को हैक कर टारगेट किया गया! क्या बोले साइबर एक्सपर्ट

Helicopter Crash Update: साइबर एक्सपर्ट का का दावा है कि बिना छुए भी दूर से हेलीकाप्टर को हैक किया जा सकता है, जिससे पायलट को ग़लत सिंगल देकर उसे भटकाया जा सकता है

Update: 2021-12-12 07:54 GMT

Helicopter Crash Update: 9 दिसंबर को तमिल नाडु में क्रैश हुए जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) के हेलीकप्टर दुर्घटना के पीछे साइबर हमले की आशंका जताई जा रही है. साइबर सुरक्षा से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि साइबर वॉरफेयर में बिना किसी चीज़ को छुए या फिजिकली छेड़छाड़ किए बिना ही फाइटर प्लेन या चॉपर में हमला किया जा सकता है। साइबर एक्सपर्ट के दावे के बाद देश में सनसनी मच गई है। सब यही जानना चाहते हैं कि आखिर इतना सुरक्षित और  शक्तिशाली हेलीकाप्टर जिसमे देश के महत्वपूर्ण  अधिकारी सवार थे  वह क्रैश कैसे हो गया। 

साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी  का कहना है कि हेलीकाप्टर को हैक कर के रेडियो सिग्नल जैम कर देना, पायलट को ग़लत सिग्नल भेजना, फ़्लाइंग डाटा गलत देना ये सब साइबर हैकिंग से संभव है।  उन्होने एक उदाहरण देते हुए  बताया कि 

 19 सितंबर 2016 में अमेरिका के अटलांटिक एयरपोर्ट पर बोईंग 757 फ्लाइट ने आम दिनों की तरह लैंडिंग की. इसके बाद हम लोगों ने जैसे ही विमान मिला, दो  दिन के अंदर फ्लाइट को छुए बिना ही इसके सिस्टम को हैक कर लिया गया. हमने फ्लाइट के रेडिओ फ्रेक्वेंसी कम्युनिकेशन में सेंधमारी कर के उसके सिस्टम को हैक कर लिया था। 

 इसके एक साल बाद 8 नवंबर 2017 को अमेरिका के साइबर सेक्योरिटी से जुड़े होमलैंड सेक्योरिटी के अधिकारी ने यह एक्सेप्ट किया था कि उनकी टीम के एक्सपर्ट्स ने बोईंग 757 विमान को बिना छुए ही हैक कर लिया था। लेकिन यह सिर्फ ट्रायल था।  लेकिन इस खुलासे के बाद दुनिया हैरान रह गई थी। 

 साइबर वॉरफेयर में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी से कोई देश या गुट दुश्मन देश की स्ट्रैटजिक मशीनरी को निशाना बनाया जा सकता है। अमेरिकी एजेंसी गवर्नमेंट अकाउंटबिलिटी ऑफिस की अक्टूबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 2012 से 2017 के बीच डेवलप किए गए वेपन सिस्टम साइबर हमले का शिकार हो सकते हैं।

आसानी से हैक होते हैं चॉपर 

सेंट्रल एजेंसी को ट्रेनिंग देने वाले साइबर सेक्योरिटी एक्सपर्ट मुकेश चौधरी (Mukesh Chaudhary) ने कहा कि CDS जिस हेलीकाप्टर में बैठे थे वैसे चॉपर को डिजिटली हैक करना सम्भव है। साइबर वॉरफेयर की  दुनिया में ऐसा करना बहुत आसान है। साइबर हैकर्स  इस तरह के हमले को अंजाम दे सकते हैं। रेडियो सिग्नल जैम करना, पायलट को गलत सिग्नल्स या कमांड देना, फ्लाइंट डेटा गलत देना ये सब कुछ साइबर तरीके से किया जा सकता है। रेडियो सिग्नल्स से जो कम्युनिकेशन होता है उसमें हैकिंग आसानी से की जा सकती है, दुनियाभर में इस तरह की हैकिंग को रोकने के लिए अभी एडवांस सिस्टम विकसित नहीं हुआ है।


Tags:    

Similar News