कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, सरकार ने लिया फैसला, बैठेंगे बड़े पदों पर

यूपी सरकार (Uttar Pradesh) ने कर्मचारियों के प्रमोशन नियमों में बदलाव किया है

Update: 2022-05-08 03:02 GMT

UP Karmachari News, UP Promotion Policy 2022: राज्य के कर्मचारियों के होने वाले प्रमोशन को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नियमों में बड़े बदलाव किए है। जो बदलांव किया गया है उसके तहत प्रमोशन प्रक्रिया को और भी सरल कर दिया गया है। सरकार के इस निर्णय से राज्य के लाखों कर्मचारियों को जहां फायदा होगा वही अब जल्दी-जल्दी प्रमोशन भी मिल सकेगा। जिससे काम करने वाले कर्मचारी अपने ही विभाग में बड़े पदों पर आसीन हो सकेगे।

10 की बजाय 5 वर्ष किया गया प्रमोशन का समय

खबरों के तहत अब राज्य कर्मचारियों को 10 वर्षों की बजाय आखिरी पांच वर्षों की एसीआर पर प्रमोशन का लाभ दिया जाएगा। इस संबंध में नियुक्ति और कार्मिक विभाग के मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिये है।

नियम में यह भी

दरअसल योगी सरकार ने सरकारी विभागों में पदोन्नति को लेकर जो बड़ा फैसला किया है, इसके तहत अब 10 साल की जगह पांच साल की प्रविष्टियों पर पदोन्नति दी जाएगी। इसके साथ ही वृहद दंड पर तीन साल पदोन्नति नहीं दी जाएगी और लघु दंड पर एक साल पदोन्नति नहीं दी जाएगी। अगर पहले दंड मिला है और पदोन्नति हो गई है तो आगे की पदोन्नति में इसका संज्ञान नहीं लिया जाएगा। शासनादेश के मुताबिक अंतिम पांच वर्षों का चयन वर्ष से ठीक पांच वर्ष पूर्व की अवधि के अभिलेखों को देखा जाएगा। इतना ही नहीं वेतन वृद्धि रोके जाने के संबंध में कार्मिक को दंड आदेश पारित होने के बाद संपन्न होने वाले प्रथम तीन चयन वर्षों में अलग रखा जाएगा।

दंड समय पूरा होने पर होगा विचार

दंडादेश में यदि कोई नियत समयवधि अंकित नहीं है, तो उतने चयन वर्षों में संबंधित कार्मिक को अनुपयुक्त घोषित किया जाएगा। उस कार्मिक को तब तक पदोन्नति नहीं दी जाएगी जब तक दंड में उल्लेखित अवधि समाप्त न हो जाए। संबंधित कार्मिक रिक्तियों की उपलधता और सीनियर होने के बाद दो बार अनुपयुक्त किया जाएगा।

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