खबरें दिखाई तो चप्पलों से पिटाई! भिंड एसपी असित यादव पर पत्रकारों के गंभीर आरोप...क्या मुख्यमंत्री मोहन यादव लेंगे एक्शन?
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पत्रकारों के साथ पुलिस की बर्बरता ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को शर्मसार किया है। एसपी असित यादव पर पत्रकारों की पिटाई और धमकी देने के गंभीर आरोप लगे हैं। क्या मुख्यमंत्री मोहन यादव इस मामले में कार्रवाई करेंगे?;
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पुलिस द्वारा पत्रकारों के साथ की गई बर्बरता ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को शर्मसार किया है। पत्रकारिता को समाज में संतुलन बनाए रखने वाला महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है, लेकिन भिंड में एसपी असित यादव और उनके अधिकारियों ने पत्रकारों के साथ जो व्यवहार किया, वह न केवल निंदनीय है, बल्कि लोकतंत्र के लिए भी चिंता का विषय है।
पत्रकारों की पिटाई और धमकी, एसपी ने बुलाया और की पिटाई
1 मई को श्रमिक दिवस और 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पत्रकारों ने एसपी असित यादव के खिलाफ पुलिस की अवैध वसूली और अन्य कृत्यों की खबरें प्रकाशित की थीं। इससे नाराज होकर एसपी ने पत्रकारों को चाय पर बुलाया और उनके साथ थानेदारों और अन्य पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में चप्पलों से पिटाई की।
आधी रात को पत्रकारों के घर जाकर धमकी
साक्ष्य मिटाने की कोशिश
पत्रकारों ने जब इस घटना की शिकायत कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से की, तो एसपी और उनके सहयोगियों ने आक्रोशित होकर आधी रात को पुलिस बल भेजकर पत्रकारों के घरों में घुसकर मारपीट की और उनके मोबाइल फोन से घटना के साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। हालांकि, कुछ पत्रकारों के पास ऐसे साक्ष्य हैं जो पुलिस की बर्बरता को प्रमाणित करते हैं।
भयभीत पत्रकारों का पलायन, परिवारों को भेजा बाहर
पत्रकारों ने अपनी जान का खतरा महसूस करते हुए अपने परिवारों को भिंड से बाहर भेज दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अब डकैतों से भी ज्यादा डर पुलिस से लग रहा है। उनका कहना है कि एसपी असित यादव कुछ भी कर सकते हैं।
नेताओं की प्रतिक्रिया
डॉ. गोविंद सिंह ने की निष्पक्ष जांच की मांग
पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने पत्रकारों के साथ हुई इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे, तो आम जनता की रक्षा कौन करेगा?
एसपी असित यादव का पिछला रिकॉर्ड, पिटाई के मामले में हटाए गए थे एसपी
एसपी असित यादव पहले भी विवादों में रहे हैं। बालाघाट में RSS प्रचारक सुरेश यादव के साथ पिटाई के मामले में उन्हें जिले से हटाया गया था। अब पत्रकारों के साथ हुई इस घटना ने उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
क्या मुख्यमंत्री करेंगे कार्रवाई?
पत्रकारों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाते हैं।