एमपी: 11 वर्ष बाद आया फैसला, BJP विधायक समेत 10 नेताओं को न्यायालय ने सुनाई सजा

देर भले हो जाए लेकिन भारतीय न्याय पद्धति दोषी को उसके किए की सजा अवश्य देती है।

Update: 2022-12-25 11:37 GMT

देर भले हो जाए लेकिन भारतीय न्याय पद्धति दोषी को उसके किए की सजा अवश्य देती है। फिर चाहे वह सत्ता पक्ष का व्यक्ति हो या कोई और। न्यायालय के समक्ष सभी बराबर होते हैं। तभी तो 11 वर्ष बाद आए एक फैसले में इंदौर के बीजेपी विधायक समेत 10 नेताओं को प्रोफेसर अशोक चौधरी पर कालिख पोतने के आरोप में 1 वर्ष की सजा सुनाई है। साथ ही उन्हें अर्थदंड भी दिया है।

आइए जानें क्या है मामला

जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 का यह मामला है। बताया जाता है कि प्रदर्शन के दौरान खंडवा के पंधाना बीजेपी विधायक राम डांगोरे समेत 10 अन्य नेताओं ने प्रोफेसर अशोक चौधरी के मुंह पर कालिख पोत दी थी। जिसके बाद प्रोफ़ेसर चौधरी ने इन सभी के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई।

अदालत ने सुनाया फैसला

अदालत की प्रक्रिया भले लंबी हो। लेकिन दोषियों को सजा अवश्य प्राप्त होती है। न्यायालय ने शिकायतकर्ता तथा आरोपियों को अपना अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय दिया। पूरी सुनवाई के बाद अदालत ने अपना निर्णय सुना दिया।

दिए गए निर्णय में कोर्ट ने दोषियों को 1-1 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। साथ ही विधायक तथा अन्य आरोपियों को 1- 1 साल की सजा सुनाई है। हालांकि अदालत ने सभी को जमानत पर रिहा कर दिया है। साथ ही न्यायालय ने छात्र राजनीति मैं संयमित रहने की नसीहत दी है।

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