मध्यप्रदेश में पेड़ से गिरकर अचानक 30 कौंओं की मौत हुई थी, रिपोर्ट में बर्ड फ्लू, अब तालाब में मछलियां मरीं....

Madhya Pradesh News पोरसा में कौओं की मौत भी भिंड में मेहगांव में मुर्गों की तरह वर्ड फ्लू से ही हुई थी। भोपाल से मृत

Update: 2021-02-16 06:17 GMT

Madhya Pradesh News पोरसा में कौओं की मौत भी भिंड में मेहगांव में मुर्गों की तरह वर्ड फ्लू से ही हुई थी। भोपाल से मृत पक्षियों के परीक्षण की रिपोर्ट आने के बाद कलेक्टर ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए वन मंडलाधिकारी के पत्र लिखा है। पत्र में मृत पक्षियों की मिलने की जगह से 10 किमी के दायरे में प्रोटोकोल का पालन करनें तथा डिश इन्फेक्शन स्प्रे कराने की बात कही गई है। उधर अब कुरैठा पंचायत के हरिहर का पुरा गांव के तालाब में सामूहिक रूप से मछलियों के मरने का मामला सामने आया है।

उल्लेखनीय है कि 4 दिन पहले कस्बे के जनता मांटेशरी स्कूल परिसर में लगे पेड़ों से अचानक ही कौए गिरना शुरू हो गए। इसके बाद 30 कौंओं की मौत हो गई। पोरसा पशु चिकित्सा सेवाएं ने इन दो मृत कौओं को जांच के लिए डायरेक्टर, राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल के लिए भेजा।

इसकी रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि कौओं की मौत एच5 एन1 वर्ड-फ्लू वायरस के कारण हुई है। जिस पर कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उसी दिन वन मंडलाधिकारी को पत्र लिखा। जिसमें बताया है कि 10 किमी के दायरे में प्रोटोकोल का पालन करें। इसके साथ ही मृत्यु होने पर पक्षियों को डिपबरियल विधि की कार्रवाई करें।

इलाके को डिश इन्फेक्शन स्प्रे कराना सुनिश्चित करें। इसमें मृत पक्षियों को गाढ़ने के लिए सूखा चूना के साथ गाढ़ा जाए। डिश इन्फेक्शन के लिए 2 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइड अथवा 4 प्रतिशत फार्माेलिन का स्प्रे किया जाए। भिंड के मेहंगाव में भी बीते हफ्ते काफी संख्या में मुर्गों की मौत हुई थी, जिसका कारण रिपोर्ट में वर्ड फ्लू आया था।

5 दिन पहले मरी मछलियां नहीं उठाई

पक्षियों की मौत के साथ ही यहां हरिहर का पुरा गांव के तालाब में 5 दिन पहले सैंकड़ों मछलियों की भी मौत हो गई। लेकिन अभी तक यहां कोई जांच करने तक नहीं आया है। वहीं मछलियां के शव तालाब में ही पड़े हुए हैं वहीं कुछ शव तालाब के बाहर भी पड़े है। जिससे इन्फेक्शन होने का खतरा भी मंडरा रहा है।

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