केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा खुलासा: "सीएम पद के लिए जब डॉ. मोहन यादव नाम आया तब मेरे..."

भोपाल में किरार सम्मेलन के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 2023 चुनाव बाद सीएम चयन उनके लिए परीक्षा की घड़ी थी। उन्होंने खुद ने ही डॉ. मोहन यादव का नाम प्रस्तावित किया।;

Update: 2025-11-18 08:11 GMT

🔴 Highlights – Shivraj Singh Chouhan Big Statement

  • किरार सम्मेलन में शिवराज ने CM चयन का किस्सा साझा किया
  • कहा— "2023 में मिली बड़ी जीत मेरी परीक्षा की घड़ी थी"
  • डॉ. मोहन यादव के नाम पर शिवराज ने खुद लगाई मुहर
  • BJP ने 2023 में जीती थीं रिकॉर्ड 163 सीटें

भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत में रविवार का दिन चर्चा का विषय बन गया, जब पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी में आयोजित अखिल भारतीय किरार सम्मेलन में एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 2023 विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री चयन की प्रक्रिया उनके लिए एक तरह की "कठिन परीक्षा" थी। इस दौरान उन्होंने खुद ही डॉ. मोहन यादव का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था।

शिवराज अपनी भावनाओं को साझा करते हुए बोले— “जब हमें भारी बहुमत मिला, तब हर किसी को लग रहा था कि अब सब कुछ स्वाभाविक रूप से तय हो जाएगा, लेकिन समाज को बताना चाहता हूं कि ये मेरे जीवन की सबसे कठिन घड़ियों में से एक थी। मेरे सामने विकल्प थे, प्रतिक्रियाएं हो सकती थीं, गुस्सा भी आ सकता था, लेकिन मैंने तय किया कि मेरे चेहरे पर कोई शिकन नहीं आनी चाहिए।”

"दिल ने कहा— शिवराज, ये तेरी परीक्षा की घड़ी है"

सम्मेलन में मौजूद लोगों के सामने शिवराज ने भावुक होकर कहा— “मेरे दिल ने कहा कि शिवराज, यह तेरी परीक्षा की घड़ी है। माथे पर शिकन मत आने देना। आज तुम्हें कसौटी पर कसा जा रहा है। और मैंने पूरे मन से डॉ. मोहन यादव का नाम प्रस्तावित कर दिया।” यह कहते ही सभा में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।

उन्होंने बताया कि विधायक दल की बैठक में कई नेता उन्हें ही फिर से मुख्यमंत्री के रूप में देखने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन उन्होंने पार्टी नेतृत्व के फैसले में पूरी निष्ठा दिखाई और नए चेहरों को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में खुद पहल की।

2023 विधानसभा चुनाव: BJP ने बनाया था रिकॉर्ड

असल में, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रचते हुए 163 सीटें जीत ली थीं, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। ये चुनाव शिवराज सिंह चौहान के ही नेतृत्व में लड़े गए थे, और प्रचार के दौरान उनका चेहरा प्रमुख रूप से आगे रहा।

बड़ी जीत के बाद आम जनता, पार्टी कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक इस बात पर नज़र जमाए हुए थे कि आखिर मुख्यमंत्री कौन बनेगा? अधिकतर लोगों का मानना था कि शिवराज फिर से CM बनेंगे। लेकिन हाईकमान ने बदलाव का फैसला लिया और युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने के तहत डॉ. मोहन यादव को कमान सौंपी गई।

शिवराज ने किरार समाज सम्मेलन में क्यों किया यह खुलासा?

शिवराज सिंह चौहान किरार समाज से आते हैं और उनके साथ समाज का बड़ा समर्थन लंबे समय से जुड़ा रहा है। सम्मेलन के मंच पर उन्होंने अपने राजनीतिक सफर और चुनौतियों को लेकर कई बातें साझा कीं। वहीं CM चयन से जुड़े बड़े फैसले की कहानी बताकर उन्होंने समाज के बीच यह संदेश देने की कोशिश की कि उनके लिए पार्टी और प्रदेश हमेशा व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से ऊपर रहे हैं।

उन्होंने कहा— “मैंने हमेशा प्रदेश के हित को प्राथमिकता दी है। मेरा लक्ष्य कभी कुर्सी नहीं रहा, मेरा लक्ष्य रहा है जनता की सेवा।”

राजनीतिक हलकों में क्यों चर्चा में है शिवराज का यह बयान?

शिवराज सिंह चौहान के इस बयान ने मध्यप्रदेश की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उन्होंने यह बात रणनीतिक रूप से कही है, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि वे पार्टी के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं और बदलाव के फैसले को सम्मान देते हैं।

वहीं दूसरी ओर माना जा रहा है कि शिवराज अभी भी प्रदेश की राजनीति में अपने प्रभाव को बनाए हुए हैं और समाज संगठनों के मंचों एवं रैलियों पर उनका बड़ा जनसमर्थन दिखाई देता है। ऐसे में उनका यह बयान कई राजनीतिक संकेत भी देता है।

"मोहन यादव मेरे छोटे भाई जैसे" — शिवराज

सम्मेलन के दौरान शिवराज ने भावनात्मक अंदाज में कहा— “मोहन यादव मेरे छोटे भाई जैसे हैं। वे योग्य हैं, मेहनती हैं और प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि एक मुख्यमंत्री के रूप में उनका रिकॉर्ड मजबूत है और प्रदेश उनके नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने मोहन यादव को सलाह दी है कि जनता का दिल जीतने के लिए जमीन पर रहकर काम करें और हर वर्ग से संवाद बनाए रखें।

सीएम चयन पर उठते रहे सवाल, शिवराज ने की साफ बात

2023 चुनाव के बाद से ही यह सवाल बार-बार उठता रहा कि शिवराज चौहान को इस बार सत्ता क्यों नहीं मिली, जबकि चुनाव उनके ही नेतृत्व में जीते गए थे। पार्टी की अंदरूनी रणनीति और राष्ट्रीय नेतृत्व की प्राथमिकताएं इस फैसले के पीछे मानी गईं। शिवराज ने पहली बार इस पूरे घटनाक्रम को सार्वजनिक रूप से इतनी विस्तार से बताया है।



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FAQs – Shivraj Singh Chouhan Statement

शिवराज का यह बयान कहाँ दिया गया?

उन्होंने यह बयान भोपाल में हुए अखिल भारतीय किरार सम्मेलन में दिया।

उन्होंने क्या खुलासा किया?

उन्होंने बताया कि 2023 विधानसभा चुनाव बाद जब CM चयन हुआ, तब यह उनके लिए परीक्षा की घड़ी थी और उन्होंने खुद ही मोहन यादव का नाम प्रस्तावित किया।

2023 चुनाव में BJP को कितनी सीटें मिली थीं?

BJP ने 163 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था।

क्या नए सीएम के चयन पर विवाद हुआ था?

कई राजनीतिक चर्चाएं जरूर हुई थीं, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने बदलाव का निर्णय लिया था।

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