पीएम-उषा योजना लॉन्च हुई: 400 करोड़ से बदलेगी एमपी के 8 यूनिवर्सिटी की तस्वीर, स्टार्टअप में भी मिलेगी मदद

वर्चुअली जुड़कर प्रधानमंत्री ने पीएम-उषा योजना को किया लॉन्च, बीयू में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल और सीएम रहे मौजूद.

Update: 2024-02-21 05:37 GMT

भोपाल. प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के तहत प्रदेश के आठ विश्वविद्यालयों की तस्वीर बदलने जा रही है। इन विश्वविद्यालयों को केंद्र से 400 करोड़ का अनुदान दिया गया है। इससे अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम होगा। बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (बीयू) में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू से वर्चुअली जुड़े। उन्होंने पीएम-उषा योजना लॉन्च की।

आयोजन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम डॉ. मोहन यादव और पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर की मौजूदगी में सभी ने प्रधानमंत्री का संबोधन सुना। इस अवसर पर अन्य जिलों के एक हजार से अधिक विद्यार्थी एवं प्रोफेसर कार्यक्रम में शामिल हुए।

नवाचार होंगे

सीएम ने कहा कि इस राशि से विवि में नवाचार, अनुसंधान और अधोसंरचना विकास के कार्य हो सकेंगे। उन्होंने इसके लिए पीएम, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद देते हुए कहा कि मप्र उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा। प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष राज्यों में शामिल करेंगे। बीयू के कुलपति प्रोफेसर एसके जैन ने बताया कि विवि का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, स्टार्टअप, शोध एवं अनुसंधान में तेजी आएगी। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो इन्हीं दिशाओं में अनुदान का उपयोग विश्वविद्यालय करेगा।

इन्हें 20-20 करोड़

देवी अहिल्या विवि इंदौर, रानी दुर्गावती विवि जबलपुर, अवधेश प्रताप सिंह विवि रीवा, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विवि छतरपुर, एसएन शुक्ल विवि शहडोल।

जानिए क्या है योजना

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के माध्यम से विवि एवं कॉलेजों को वित्तीय मदद प्रदान की जाती थी। योजना का पहला चरण 2013 में, दूसरा चरण 2018 में शुरू किया गया था। अब, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत रूसा योजना को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के रूप में शुरू किया गया है। इसके तहत केंद्र देश के सभी राज्यों के यूजीसी मान्यता प्राप्त विवि को उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है। इससे विश्वविद्यालयों में अधोसंरचना विकास के लिए प्रशासनिक भवन, अकादमिक भवन, रिसर्च लैब, लाइब्रेरी बिल्डिंग, कम्प्यूटर लैब, हॉस्टल और क्लासरूम का निर्माण होगा। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस, सेमिनार, वेबिनार, शैक्षणिक भ्रमण, संकाय संवर्धन और व्यवसायिक प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी।

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