एमपी के बालाघाट का डेढ़ साल का अनुनय पहचान लेता है 40 से अधिक देशों के फ्लैग

बालाघाट का एक होनहार बच्चा 40 से अधिक देशों के नाम और उनके फ्लैग को देखकर पहचान लेता है। जीनियस अनुनय गढ़पाले की उम्र महज 1 वर्ष 7 माह की है।

Update: 2022-12-14 10:01 GMT

बालाघाट का एक होनहार बच्चा 40 से अधिक देशों के नाम और उनके फ्लैग को देखकर पहचान लेता है। जीनियस अनुनय गढ़पाले की उम्र महज 1 वर्ष 7 माह की है। इसके साथ ही अनुनय फ्रीडम फाइटर, स्मारक आदि को भी बखूबी पहचान जाता है। अपनी इस प्रतिभा के चलते अनुनय का नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। उनके पिता बालाघाट में जिला परिवहन अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं।

रंगीन चित्र करते थे आकर्षित

अनुनय के पिता की मानें तो उसकी रुचि मोबाइल गेम, कार्टून आदि में नहीं थी। रंगीन चित्र उसको आकर्षित करते थे। जब वह साल भर का हुआ तो उसने अल्फाबेट, नंबर्स और बड़ी हस्तियों की तस्वीरों पर दिलचस्पी लेना प्रारंभ कर दिया। जिसके बाद उसे इसी दिशा में बेसिक लर्निंग देना प्रारंभ किया गया। बताया गया है कि अनुनय को जिस तस्वीर को दिखाकर एक बार उसकी डिटेल दे दी जाती है तो वह उसके जेहन में उतर जाती है और हमेशा याद रहती है। कई बार उनके माता-पिता द्वारा तस्वीर दिखाने व डिटेल देने के बाद उसका टेस्ट भी लिया गया तो उसने वही जानकारी बताई जो उसे प्रदान की गई थी।

इंटरनेशल बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

बेटे की असाधारण प्रतिभा को देख अनुनय के पिता द्वारा नाम पहचानने, बोलने का वीडिया बनाकर इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड संस्थान को भेजा गया। एक माह तक चली प्रक्रिया के बाद अनुनय का अवॉर्ड के लिए चयन किया गया। अनुनय का नाम अब इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है। सर्टिफिकेट में उसकी अलग-अलग कैटेगरी में कई उपलब्धि दर्ज की गई हैं। सर्टिफकेट में स्मारक, आकार, रंग, शरीर के अंग, पक्षी, विभिन्न मुद्रा, फ्रीडम फाइटर आदि को पहचानने व इनके नाम याद रखने की उपलब्धियां शामिल हैं। अनुनय देश का नाम सुनकर 40 से ज्यादा देशों के फ्लैग पहचान लेता है। जिसके कारण इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी उसका नाम दर्ज किया गया है। अनुनय की मां हाउस वाइफ हैं। कामकाज से फुर्सत होने के बाद वे अपना अधिकांश समय बच्चे के हुनर को निखारने में लगाती हैं।

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