MP की PHE मंत्री पर एक हजार करोड़ के कमीशन का आरोप: विभाग ने शुरू की जांच, PMO ने मांगी रिपोर्ट

मध्यप्रदेश की PHE मंत्री संपतिया उईके पर ₹1000 करोड़ के कमीशन का आरोप लगा है। विभाग ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है, जिसकी रिपोर्ट सात दिन में मांगी गई है।;

Update: 2025-06-30 18:33 GMT

मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग की मंत्री संपतिया उईके पर ₹1000 करोड़ का कमीशन लेने के गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों के बाद पीएचई विभाग ने अपने ही मंत्री के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। प्रमुख अभियंता (ENC) संजय अंधवान ने यह जांच प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से मिली शिकायत और केंद्र सरकार द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के बाद शुरू की है। यह मामला राज्य में बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है।

जांच के आदेश और मांगी गई रिपोर्ट

प्रमुख अभियंता कार्यालय ने इस संबंध में सभी मुख्य अभियंता पीएचई और मध्यप्रदेश जल निगम के परियोजना निदेशक को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्हें सात दिन के भीतर इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार ने राज्य के जल जीवन मिशन को दिए गए ₹30,000 करोड़ के खर्च की जांच करने को कहा है। साथ ही, पीएचई मंत्री संपतिया उईके और उनके लिए पैसे जमा करने वाले मंडला के कार्यपालन यंत्री की संपत्तियों की जांच के भी निर्देश दिए गए हैं।

पीएचई विभाग का बचाव: "आरोप बेबुनियाद"

जांच के आदेश के बावजूद, सोमवार शाम को प्रमुख अभियंता संजय अंधवान ने एक बयान जारी कर मंत्री संपतिया उईके के खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने मध्यप्रदेश के बालाघाट के कार्यपालन यंत्री की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता किशोर समरीते की ओर से कोई भी पुख्ता सबूत पेश नहीं किया गया है। अंधवान ने कहा कि शिकायतकर्ता ने केवल सूचना के अधिकार के तहत विभाग के अधिकारी द्वारा भेजे गए पत्र को ही आधार बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि बालाघाट संभाग के कार्यपालन यंत्री ने किशोर समरीते को पहले ही सूचित कर दिया था कि किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है।

शिकायतकर्ता का पलटवार: "कोर्ट में देंगे जवाब"

प्रमुख अभियंता पीएचई अंधवान के बयान के बाद, शिकायतकर्ता किशोर समरीते ने तुरंत पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अंधवान का बयान केवल बालाघाट में मिशन की कार्यप्रणाली को लेकर दिया गया है, जबकि उनकी शिकायत पूरे प्रदेश में हुई गड़बड़ियों से संबंधित है। समरीते ने बताया कि खुद ईएनसी ने सभी मुख्य इंजीनियरों को पूरे प्रदेश में गड़बड़ी की जांच के लिए चिट्ठी लिखी है। उन्होंने घोषणा की कि वे जल्द ही इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर करने जा रहे हैं और सरकार से इस पर जवाब मांगेंगे।

₹30,000 करोड़ के जल जीवन मिशन में बड़े कमीशन का दावा

समरीते ने प्रधानमंत्री को 12 अप्रैल 2025 को एक शिकायती पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए ₹30,000 करोड़ में से मंत्री संपतिया उईके ने ₹1000 करोड़ का कमीशन लिया है। शिकायत में पूर्व ईएनसी बीके सोनगरिया पर भी उनके अकाउंटेंट महेंद्र खरे के जरिए ₹2000 करोड़ का कमीशन लेने का आरोप लगाया गया है। समरीते ने दावा किया कि पीआईयू, जल निगम के महानिदेशक और इंजीनियरों ने भी एक-एक हजार करोड़ का कमीशन लिया है। उन्होंने बैतूल के कार्यपालन यंत्री पर बिना काम कराए ही शासन के खाते से ₹150 करोड़ निकालने का भी आरोप लगाया।

फर्जी प्रमाणपत्र और सीबीआई जांच की मांग

समरीते ने छिंदवाड़ा और बालाघाट में भी ऐसी ही धांधली का दावा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य अभियंता मैकेनिकल द्वारा ₹2200 टेंडरों पर कोई काम नहीं कराया गया और राशि निकाल ली गई। समरीते का सबसे गंभीर आरोप यह है कि मध्यप्रदेश से केंद्र सरकार को सात हजार काम पूरे होने के फर्जी प्रमाण पत्र भेजे गए हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है और कहा है कि यह घोटाला देश के बड़े घोटालों में से एक साबित होगा। समरीते ने बताया कि मंत्री संपतिया उईके ने कार्यपालन यंत्रियों के जरिए कमीशन वसूला है, जिसके लिए उन्होंने राजगढ़ में पदस्थ रहे और अब बैतूल में पदस्थ कार्यपालन यंत्री, और मंडला के कार्यपालन यंत्री को वसूली करने वाला बताया है।

🟧 संपतिया उइके का जीवन परिचय

📅 जन्म और प्रारंभिक जीवन

संपतिया उइके का जन्म 4 सितंबर 1967 को मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले मंडला में हुआ। वे एक सामान्य परिवार से आती हैं और शुरू से ही सामाजिक कार्यों में रुचि रखती थीं।

🎓 शिक्षा

उन्होंने अपनी शिक्षा मंडला में ही पूरी की और एमए (हिंदी) में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की। शिक्षा के प्रति उनकी गहरी रुचि ने उन्हें समाज सेवा के साथ-साथ राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया।

👩‍🌾 पेशा

संपतिया उइके का पेशा मुख्य रूप से कृषि, सामाजिक कार्य, और राजनीति है। वे समाज के वंचित वर्ग, विशेषकर आदिवासी समाज की उन्नति के लिए लगातार काम करती रही हैं।

🏛️ राजनीतिक करियर

🌟 जिला पंचायत से राजनीति की शुरुआत

  • संपतिया उइके ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत स्थानीय स्तर से की।
  • वे तीन बार मंडला जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।
  • जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने ग्रामीण विकास, शिक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए।

🏛️ राज्यसभा सदस्य (2017-2022)

  • 2017 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य के रूप में भेजा।
  • राज्यसभा में रहते हुए उन्होंने आदिवासी अधिकार, महिला कल्याण, ग्रामीण विकास और जल संरक्षण जैसे विषयों पर सक्रिय रूप से काम किया।

🗳️ विधानसभा चुनाव 2023

  • वर्ष 2023 में संपतिया उइके ने मंडला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा।
  • उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अशोक मर्सकोले को हराकर शानदार जीत दर्ज की।
  • यह जीत उनके राजनीतिक करियर का बड़ा मोड़ साबित हुई।

👩‍💼 मंत्री पद की जिम्मेदारी (2023)

  • दिसंबर 2023 में मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट में उन्हें मंत्री बनाया गया।
  • उन्हें PHE (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी) विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई।
  • मंत्री बनने के बाद उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में पेयजल संकट दूर करने और जल आपूर्ति व्यवस्था सुधारने की दिशा में तेजी से काम शुरू किया।
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