MPCJ Mains Result Controversy: एमपी सिविल जज मुख्य परीक्षा के रिजल्ट से अभ्यार्थी नाखुश, लगाईं रिट याचिका
MPCJ Mains Result Controversy: कैंडिडेट्स का कहना है कि परीक्षा मूल्यांकन निष्पक्ष तौर पर नहीं हुआ है, कुछ प्रश्न सिलेबस के बाहर थे, तीन गुना अभ्यार्थी नहीं हुए पास
MPCJ Mains Result Controversy: मध्यप्रदेश सिविल जज मुख्य परीक्षा (Civil Judge Mains Result) के परिणाम से हज़ारों अभ्यार्थियों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है, उनका कहना है कि उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन निष्पक्ष नहीं हुआ है साथ रिजल्ट में कई त्रुटियां हैं. रिजल्ट से नाखुश कैंडिडेट्स ने इसके खिआफ़ एमपी हाईकोर्ट की तीनों बेंच में रिट पिटीशन फाइल कर दी है।
- 20 मार्च 2021 को हुई थी एमपी सीजे प्रिलिम्स परीक्षा, जिसमे कई त्रुटियां थीं, जिसकी वजह से हज़ार कैंडिडेट्स के स्थान पर 2100 अनारक्षित अभ्यार्थियों का चयन मेंस के लिए करना पड़ा था जबकि अरक्षितों को मिलाकर 3170 का चयन हुआ था
- कई प्रश्नों में आपत्तियां जताई गईं थीं, जिसकी वजह से हाईकोर्ट ने तीन बार लिस्ट निकाली थी.
- उन 2100 अनारक्षित अभ्यार्थियों में से मुख्य परीक्षा के परिणाम में सिर्फ 250 कैंडिडेट्स का चयन किया गया, जबकि जनरल के 318 लोगों का इंटरव्यू के लिए चयन होना बताया गया था. और सभी वर्गों के 750 अभ्यार्थियों का चायन होना था जबकि सिर्फ 350 लोगों का इंटरव्यू में चयन किया गया
- आरक्षित वर्ग में कुल 450 कैंडिडेट्स का चयन होना था लेकिन सिर्फ 100 लोगों को चुना गया
- बताया गया है कि जो पुराने अभ्यार्थी 3 से 4 बार इंटरव्यू दे चुके हैं वो इस बार मिनिमम कटऑफ 200 नंबर भी हासिल नहीं कर सके, यह बात लोगों के गले से नहीं उत्तर रही है
आउट ऑफ़ सिलेबस पूंछे गए कुछ प्रश्न!
रिट याचिका लगाने वाले कैंडिडेट्स का कहना है कि मुख्य परीक्षा में जो प्रश्न पूछे गए थे वो सिलेबस के बाहर थे, वहीं पेपर सरल था और मिनिमम 200 मार्क्स लाना कई स्टूडेंट्स के लिए आसान था, लेकिन जब परिणाम आया तो कैंडिडेट्स अपना रिलज्ट देखकर दंग रह गए, जिसके बाद उन्होंने परीक्षा के मूल्यांकन पर सवाल उठाते हुए इस मुद्दे पर भी रिट याचिका हाईकोर्ट में दाखिल कर दी है। बता दें कि एमपी सीजे की प्रिलिम्स परीक्षा से लेकर मुख्य परीक्षा विवादों से घिरी रही, जहां प्रिलिम्स में निर्धारित कोटे से ज़्यादा अभ्यार्थियों का मेंस के लिए चयन किया गया वहीं मुख्य परीक्षा के बाद इंटरव्यू के लिए निर्धारित कोटे से कम संख्या में कैंडिडेट्स को चुना गया।
जहां सभी वर्ग के कुल 750 और जनरल के 318 कैंडिडेट्स का इंटरव्यू के लिए चयन होना था वहीं हाईकोर्ट ने सभी वर्गों के 350 लोगों को ही चुना जब की आरक्षित वर्ग के ही 450 लोगों को और जनरल के 250 लोगों का चयन होना था, बता दें की MPCJ 2019 Phase 2 परीक्षा में 252 पदों में भर्तियां होनी थी जिसके लिए मुख्य परीक्षा में इससे तीन गुना यानी के करीब 750 अभ्यार्थियों का चयन इंटरव्यू के लिए होना था जो नहीं हुआ।