MP में सभी सरकारी नौकरियों के लिए अब एक ही एग्जाम होगा, UPSC की तर्ज पर होगा एग्जाम

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि अब प्रदेश में सभी सरकारी भर्तियों के लिए एक ही एग्जाम होगा। यूपीएससी की तर्ज पर यह परीक्षा युवाओं को तेजी से रोजगार देने में मदद करेगी।;

Update: 2025-10-28 12:50 GMT
  • अब मध्यप्रदेश में सभी सरकारी नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा होगी।
  • सीएम डॉ. मोहन यादव ने की बड़ी घोषणा — यूपीएससी की तर्ज पर होगा एग्जाम।
  • 20 हजार से अधिक पुलिस पद तीन साल में भरे जाएंगे।
  • कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों के लिए आयोग का गठन किया जाएगा।

मध्यप्रदेश के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी की तैयारी का तरीका अब पूरी तरह बदलने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को घोषणा की कि प्रदेश में अब सभी सरकारी भर्तियों के लिए एक ही परीक्षा कराई जाएगी। यह परीक्षा UPSC की तर्ज पर होगी, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर जल्दी मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा राज्य कर्मचारी संघ के दिवाली मिलन समारोह में की।

अब मध्यप्रदेश में एक ही कॉमन एग्जाम से होंगी सभी सरकारी भर्तियां

सीएम यादव ने कहा कि फिलहाल प्रदेश में अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं होती हैं, जिससे रोजगार मिलने में देरी होती है। लेकिन अब कॉमन परीक्षा से यह प्रक्रिया तेज होगी। उन्होंने बताया कि इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता और भर्ती की गति दोनों में सुधार होगा। अब उम्मीदवारों को एक ही बार परीक्षा देनी होगी, जिसके आधार पर विभिन्न विभागों में चयन किया जाएगा।

पुलिस भर्ती के 20 हजार पद तीन साल में भरने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस विभाग में 20 हजार से अधिक रिक्त पद हैं, जिन्हें तीन साल के भीतर भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के 19,504 नए पदों की भर्ती भी शुरू की जा रही है।

कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने के लिए आयोग बनेगा

सीएम यादव ने कहा कि विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगति और ग्रेड पे में अंतर को दूर करने के लिए एक कर्मचारी आयोग बनाया जाएगा। इस आयोग की अध्यक्षता एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। इसके माध्यम से कर्मचारियों की वेतन से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

महंगाई भत्ता और हाउस रेंट अलाउंस पर बड़ी राहत

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जो पिछले नौ साल से लंबित था, अब दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की खुशी सरकार की ताकत है और सरकार हमेशा उनके हितों की रक्षा के लिए तत्पर रहेगी।

अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन पर सीएम का बयान

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी दोनों का प्रमोशन होना जरूरी है। उन्होंने कहा, “हमने इस दिशा में प्रयास किया है और जल्द ही इसका रास्ता निकलेगा।” साथ ही उन्होंने कहा कि सेवा में विलंब रोकने और जनता के अधिकारों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी भी कर्मचारियों की है।

कर्मचारी संघ ने सीएम को सौंपा मांग पत्र

कार्यक्रम के दौरान राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को कर्मचारियों की मांगों का पत्र सौंपा। इसमें महंगाई भत्ता बढ़ाने, सेवानिवृत्ति आयु एक समान करने और शिक्षकों की वरिष्ठता नियुक्ति तिथि से तय करने जैसी मांगें शामिल थीं।

प्रमोशन में आरक्षण पर हाईकोर्ट की नाराजगी

इधर, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर हुई सुनवाई में कोर्ट ने सरकार की रिपोर्ट पर असंतोष जताया है। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने कहा कि कुछ विभागों में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व पहले से अधिक है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि सभी विभागों का एकीकृत चार्ट तैयार कर पेश किया जाए जिसमें प्रत्येक विभाग में आरक्षित वर्ग की स्थिति साफ दिखाई दे।

सरकार ने कहा — पारदर्शिता और समान अवसर हमारी प्राथमिकता

सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कोर्ट को बताया कि राज्य समान अवसर और न्याय की दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि नया एग्जाम सिस्टम युवाओं को पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया देगा और राज्य की प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएगा।

FAQs – मध्यप्रदेश की नई भर्ती परीक्षा और सरकारी फैसले

मध्यप्रदेश में नई कॉमन परीक्षा कब से शुरू होगी?

सरकार ने घोषणा की है कि व्यवस्था तैयार होने के बाद जल्द ही सभी सरकारी भर्तियों के लिए एक समान परीक्षा लागू की जाएगी।

क्या यह परीक्षा यूपीएससी की तरह होगी?

हाँ, मुख्यमंत्री के अनुसार यह परीक्षा यूपीएससी की तर्ज पर आयोजित की जाएगी, जिसमें एक बार परीक्षा देकर विभिन्न विभागों में चयन संभव होगा।

कितने पुलिस पदों पर भर्ती होगी?

सरकार ने तीन साल में 20,000 से अधिक पुलिस पद भरने का लक्ष्य तय किया है।

कर्मचारियों के लिए नई राहतें क्या दी गई हैं?

सरकार ने महंगाई भत्ता केंद्र के समान किया है, रुका हुआ हाउस रेंट अलाउंस जारी किया है और वेतन विसंगतियों के समाधान के लिए आयोग का गठन करने की घोषणा की है।

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