Navratri 2023: एमपी में महाकाली का 12 किलो सोने व 10 किलो चांदी के आभूषणों से होता है भव्य श्रृंगार, हथियारों से लैस सुरक्षाकर्मी रहते हैं तैनात

MP News: एमपी के दमोह में हर वर्ष नवरात्रि के अवसर पर महाकाली की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसमें खास बात यह रहती है कि यहां मूर्ति का श्रृंगार करीब 12 किलो सोने व 10 किलो चांदी के आभूषणों से किया जाता है।

Update: 2023-10-18 10:23 GMT

नवरात्रि का उत्सव प्रारंभ है और भक्त माता की भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं। एमपी के दमोह में हर वर्ष नवरात्रि के अवसर पर महाकाली की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसमें खास बात यह रहती है कि यहां मूर्ति का श्रृंगार करीब 12 किलो सोने व 10 किलो चांदी के आभूषणों से किया जाता है। जिसकी सुरक्षा के लिए यहां नौ दिनों तक 24 घंटे सशस्त्र सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहते हैं।

वर्ष 1947 से स्थापित की जा रही प्रतिमा

एमपी के दमोह में हर वर्ष महाकाली चौराहे पर मां काली की प्रतिमा स्थापित की जाती है। माता का भव्य श्रृंगार सोने व चांदी के आभूषणों से किया जाता है। यहां प्रतिमा स्थापना काार्य वर्ष 1947 से किया जा रहा है। किंतु बदलते समय और चोरी की घटनाओं को देखते हुए 20 वर्ष से यहां पर सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए जाने लगे हैं। लोगों का कहना है कि यहां विगत कई वर्षों से माता महाकाली की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। बताया गया है कि शुरुआत में सर्राफा व्यापारी प्रतिमा की स्थापना कराते थे और प्रतिमा को आभूषण पहनाने की परंपरा भी उनके द्वारा ही प्रारंभ की गई थी। किंतु अब सभी के सहयोग से माता की प्रतिमा स्थापित की जाने लगी है। यहां नौ दिनों तक माता के भक्तों का तांता लगता है।

पांच सुरक्षाकर्मी नौ दिनों तक रहते हैं तैनात

दमोह के महाकाली चौराहे में स्थापित की जाने वाली माता की प्रतिमा का सोने व चांदी के आभूषणों से भव्य श्रृंगार किया जाता है। जिसमें सोने का हार, लॉकेट, नथ, चूड़ी के अलावा चांदी का मुकुट, करधनी, पायल, छत्र और अन्य सामग्री शामिल रहती है। पूर्व में यहां पर सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जाती थी। किंतु समय के साथ मंदिरों में भी चोरी की घटनाएं होने लगीं। जिसके चलते आयोजकों ने पुलिस ने सुरक्षा की मांग की। यहां 22 साल पहले पुलिसकर्मी सुरक्षा के तैनात किए जाने लगे। पूर्व में लाठीधारी पुलिसकर्मी तैनात किए जाते थे किंतु समय के साथ अब हथियारों से लैस सुरक्षाकर्मी यहां नजर आते हैं। बताया गया है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक यहां पांच सुरक्षाकर्मी 24 घंटे तैनात रहते हैं। प्रतिमा विसर्जन के बाद पुलिसकर्मियों की ड्यूटी यहां से खत्म हो जाती है। जबकि आभूषणों को उतारकर लॉकर में सुरक्षित रख दिया जाता है।

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