MP Doctors Strike: राज्य में आज से 15 हजार डॉक्टर्स हड़ताल पर, मरीजों को नहीं मिलेगा इलाज; सरकार-डॉक्टर के बीच नहीं बन पाई सहमति

मध्यप्रदेश के करीब 15 हजार डॉक्टर आज 3 मई, बुधवार से हड़ताल पर रहेंगे। मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई शासकीय चिकित्सक महासंघ को बैठक 2 घंटे चली, लेकिन सहमति नहीं बनी।

Update: 2023-05-03 05:39 GMT

MP Doctors Strike

मध्यप्रदेश के करीब 15 हजार डॉक्टर आज 3 मई, बुधवार से हड़ताल पर रहेंगे। मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई शासकीय चिकित्सक महासंघ को बैठक 2 घंटे चली, लेकिन सहमति नहीं बनी। इस दौरान पांच बिंदुओं पर सहमति बनी, लेकिन मेडिकल ऑफिसर को फोर्थ टाइम पे स्केल देने पर सहमति नहीं बनी। ऐसे में काफी विचार और मंथन के बाद भी बैठक बेनतीजा ही समाप्त हो गई।

यदि बुधवार को भी सरकार हड़ताल खत्म नहीं करा पाती है तो प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा, जब सभी तरह के सरकारी डॉक्टर एक साथ हड़ताल पर रहेंगे। इससे मरीजों की मुश्किल बढ़ना तय है, क्योंकि न ऑपरेशन होंगे, न इलाज मिलेगा।

सूत्रों की मानें तो डॉक्टर जिस डीएसीपी की मांग कर रहे हैं उसमें 20 साल की नौकरी में फोर्थ टाइम पे स्केल देने का प्रावधान है और राज्य सरकार यही नहीं देना चाहती है। सरकार का कहना है कि किसी भी विभाग में ये नहीं दिया जाता। अगर डॉक्टरों को दिया तो दूसरे विभाग भी मांगेंगे। जबकि, डॉक्टरों का कहना है कि आईएएस अधिकारी नहीं चाहते कि ग्रामीण क्षेत्र में नौकरी करने वाले डॉक्टर को यह स्केल मिले। क्योंकि, अभी यह स्केल सिर्फ प्रिंसिपल सेक्रेटरी को मिलता है।

हालांकि, 15 साल की नौकरी में थर्ड टाइम पे स्केल (3rd Time Pay Scale) मिलने के बाद आगामी पांच साल में डॉक्टर का वेतनमान वैसे ही 10 हजार के पार निकल जाएगा। जो फोर्थ पे स्केल के समान है। लेकिन, फोर्थ पे स्केल के समान के लिए डॉक्टर इसकी मांग कर रहे हैं।

हड़ताल में कौन-कौन शामिल

  • सरकारी विभागों के करीब 10 हजार,
  • 1000 संविदा वाले,
  • 1000 बॉन्डेड,
  • 3500 जूनियर डॉक्टर हड़ताल में शामिल रहेंगे।

निपटने की तैयारी

हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए हमीदिया अस्पताल प्रबंधन दिनभर तैयारियों में लगा रहा। यहां 20 होम्योपैथिक डॉक्टर आ चुके हैं और बुधवार को और आ जाएंगे। इनको आईसीयू, पीआईसीयू और एसएनसीयू जैसी इमरजेंसी यूनिट में तैनात किया जाएगा। जनरल वाडों में भर्ती मरीजों की देखरेख का जिम्मा नर्सिंग स्टाफ का होगा।

इन मांगें पर सहमति बनी 

  1. प्रशासनिक अफसरों का दखल कम होगा।
  2. संविदा चिकित्सकों को जल्द से जल्द नियमित किया जाए।
  3. MPPSC में संविदा चिकित्सकों को 40% रिजर्वेशन।
  4. गांवों के बॉन्डेड डॉक्टरों को संविदा चिकित्सक जैसा वेतन।
  5. सीट लीविंग बोर्ड कैंसल होगा।
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