एमपी में दस लाख वोटर आईडी में गड़बड़ी, गलत दर्ज हैं पते

वोटर लिस्ट पर लंबे समय से काम किया जा रहा है। वोटर आईडी में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। प्रदेश में दस लाख से अधिक ज्यादा वोटर आईडी गलत पते वाले सामने आए हैं।

Update: 2023-02-03 08:23 GMT

एमपी में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं। जिसके चलते वोटर लिस्ट पर लंबे समय से काम किया जा रहा है। इसके बावजूद वोटर आईडी में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। प्रदेश में दस लाख से अधिक ज्यादा वोटर आईडी गलत पते वाले सामने आए हैं। जिनमें से सर्वाधिक मामले आगर मालवा जिले के बताए गए हैं। आगरा माला जिला वर्ष 2013 को अस्तित्व में आया किंतु मतदाताओं के पते में जिला शाजापुर ही दर्ज है जबकि तहसील आगर है।

यहां के वोटर आईडी में गड़बड़ी

प्रदेश के आगर मालवा और टीकमगढ़ से अलग होकर अस्तित्व में आए निवाड़ी जिले के वोटर आईडी में गड़बड़ी सामने आई है। यहां वोटर कार्ड में गलत पते दर्ज हैं। बताया गया है कि आगर मालवा जिला 16 अगस्त 2013 को अस्तित्व में आया था किंतु बीते दस साल में भी 4.50 से 5 लाख मतदाताओं के पते में जिला शाजापुर ही है जबकि तहसील आगर है। इसी प्रकार 1 अक्टूबर 2018 को टीकमगढ़ से अलग होकर निवाड़ी जिला अस्तित्व में आया। यहां के भी लगभग एक लाख वोटर आईडी में जिला टीकमगढ़ ही लिखा हुआ है।

वोट डालने में नहीं होगी दिक्कत

इस मामले में चुनाव आयोग के अधिकारियों की मानें तो वोटर आईडी का उपयोग वोट डालने के लिए किया जाता है इसलिए वोट डालने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। चुनाव आयोग मतदाता सूची के पुनरीक्षण में मतदाताओं के नाम जोड़ने और घटाने का काम करता है। किंतु उनके पते की गलतियों को नहीं सुधारा जाता है। इसी तरह का मामला पहले भी भोपाल में कोलार तहसील का प्रकाश में आ चुका है। जहां 1.50 लाख वोटर आईडी में कोलार नगर पालिका लिखा है जबकि इस नाम की नगर पालिका अस्तित्व में ही नहीं है। कोलार नपा का 2015 में नगर निगम में विलय जो चुका है। इसी तरह हुजूर तहसील के बड़े भाग को काटकर गठित कोलार तहसील के वोटर आईडी में आज भी यह गड़बड़ी है।

इनका कहना है

वोटर आईडी में गलत पते को लेकर एडिशनल सीईओ राजेश कौल का कहना है कि वोटर आईडी का उपयोग संबंधित द्वारा वोट डालने के लिए किया जाता है। गलत पता दर्ज होने के बावजूद वोट डालने में दिक्कत नहीं आएगी। लोगों के पास अन्य परिचय पत्र भी रहते हैं।

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