खतरे में JABALPUR, विदेशों से शहर पहुंचे करीब 148 लोगों को किया गया चिन्हित, कोरोना संक्रमितों के बढऩे की आशंका

जबलपुर। शहर में कोरोना वायरस के संक्रमितों के सम्पर्क में आए संदिग्धों की संख्या लगातार बढ़ रही है। संक्रमण के तीसरे चरण के

Update: 2021-02-16 06:17 GMT

जबलपुर। शहर में कोरोना वायरस के संक्रमितों के सम्पर्क में आए संदिग्धों की संख्या लगातार बढ़ रही है। संक्रमण के तीसरे चरण के खतरे के बीच मंगलवार को मिले एक संदिग्ध का सम्पर्क भी कारोबारी से जुडऩे की जानकारी आई है। संदिग्धों की संख्या बढऩ़े के अनुमान के बीच जरूरी संसाधनों की मांग बढऩे लगी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एहतियातन ज्यादा से ज्यादा लोगों को होम आइसोलेट करने के प्रयास शुरूकर दिए गए हैं। विदेशों से एक पखवाड़े में शहर पहुंचे करीब 148 लोगों को चिन्हित किया गया है। इन्हें होम क्वारंटाइन किया जा रहा है। इनकी बांह में सील लगाने के साथ ही घरों के सामने क्वारंटाइन करने स्टीकर चिपकाए जा रहे हैं। इधर, सरकारी अस्पतालों में एन 95 मास्क, पीपीई- पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट की कमी होने लगी है। कोरोना वायरस के संंदिग्धों की जांच के लिए तैनात किए जूनियर डॉक्टर्स, नर्सिंग, पैरामेडिकल और अन्य कर्मियों के संक्रमितों के सम्पर्क में आने का खतरा बन गया है।

स्वास्थ्य विभाग की कवायद : मास्क, पीपीटी की कमी से उपचार करने वालों को ही संक्रमण का खतरा कोरोना संक्रमण को लेकर आवश्यक व्यवस्थाएं जुटाए जाने के बीच प्रशासन ने मंगलवार को सुबह अचानक मेडिकल अस्पताल का अधीक्षक बना दिया। डॉ. राजेश तिवारी की जगह डॉ. प्रभात बुधौलिया को अधीक्षक नियुक्तकिया। इसके बाद हडक़म्प मचा, तो दोपहर तक नया आदेश जारी कर दिया गया। इसमें डॉ. तिवारी को कोविड-19 में डीन के सहयोग के लिए कॉलेज एवं अस्पताल का विशेष कर्तव्य अधिकारी नियुक्तकर दिया गया। शाम तक मौजूदा स्थिति और अनुभव को देखते हुए अस्पताल की व्यवस्थाओं की निगरानी की जिम्मेदारी भी डॉ. तिवारी को दी गई।

लक्षण मिलने पर होगी जांच

  • विदेश से आने वाले सभी को लोगों को भले ही उनमें कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण नहीं है, 14 दिन तक घर में ही रहना होगा।
  • होम आइसोलेाशेन के दौरान वे स्वास्थ्य विभाग से फोन में नियमित सम्पर्क में रहेंगे। कोई भी लक्षण आने पर स्वास्थ्य विभाग के सम्पर्क में रहेंगे।
  • केवल उन्हीं की जांच की जाएगी, जिन्हें चिकित्सक द्वारा जांच की सलाह दी गई हे। सभी विदेश से आए हुए लोगों की जांच जरूरी नहीं है।
  • सभी विदेश यात्रियों को जांच के लिए विवश न किया जाएं। मार्गदर्शिका के अनुसार ही जांच होगी। आइसीएमआर ने निर्देश दिए हैं।
  • होम आइसोलेशन ही सही तरीका है कयोंकि इसमें एक व्यक्ति सिर्फ परिवार को ही संक्रमित कर सकता है एवं संक्रमण एक घर तक सीमित हो जाता है।
  • 10 मार्च के के बाद आए हुए व्यक्तियों को खासतौर से अलर्ट रहने के लिए कहां गया है। इन्हें होम क्वारंटाइन रहने की सलाह है।

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