Sickle Cell Disease: सिकल सेल रोग में होम्योपैथी दवा काफी कारगर, अस्पताल के शोध में यह आया सामने

MP News: एमपी भोपाल के शासकीय होम्योपैथी अस्पताल ने शोध किया। जिसमें यह सामने आया कि सिकल सेल रोग में होम्योपैथी दवा काफी कारगर है। अस्पताल ने जनजातीय क्षेत्रों में बैगास और भारिया समुदाय में शोध कार्य किया है।

Update: 2023-09-28 09:10 GMT

एमपी भोपाल के शासकीय होम्योपैथी अस्पताल ने शोध किया। जिसमें यह सामने आया कि सिकल सेल रोग में होम्योपैथी दवा काफी कारगर है। अस्पताल ने जनजातीय क्षेत्रों में बैगास और भारिया समुदाय में शोध कार्य किया है। प्रदेश के चार जिलों डिंडोरी, मंडला, छिंदवाड़ा और शहडोल जिलों में इन समुदाय के 23 हजार से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई। स्क्रीनिंग के बाद मरीज पॉजिटिव पाए गए

मरीजों को दी होम्योपैथिक दवा

शासकीय होम्योपैथी अस्पताल भोपाल द्वारा चिन्हित मरीजों को होम्योपैथी दवाई दी गईं जिसका प्रभाव यह हुआ कि वह अब कम बीमार पड़ते हैं। जिन रोगियों के शरीर में दर्द और खून की कमी की शिकायत थी, वह भी अब अपने आपको अच्छा महसूस कर रहे हैं। अभी तक 8 हजार से अधिक रोगियों को होम्योपैथिक दवा दी जा चुकी है। बताया गया है कि जिन मरीजों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन बार-बार होता था, उनमें भी कमी आई है।

किया जा रहा शोध कार्य

एमपी के चार जिलों के जनजातीय क्षेत्रों में होम्योपैथी अस्पताल द्वारा सिकल सेल में शोध कार्य किया जा रहा है। इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन, एम्स भोपाल, आईसीएमआर एनआईआरटीएच जबलपुर लगातार सहयोग कर रहे हैं। अनुसंधान और रोगियों के इलाज के अलावा शासकीय होम्योपैथी अस्पताल द्वारा चिन्हित किए गए मरीजों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ भी दिलाया गया है। होम्योपैथिक दवा सिकल सेल से ग्रसित मरीजों को देने के बाद उनमें काफी सुधार आया है। रोगियों को सिकल सेल से बचाव के लिए होम्योपैथी चिकित्सकों द्वारा समझाइश भी दी जा रही है।

दवा गुणवत्ता का आंकलन करने नए यंत्र की खोज

होम्योपैथी अस्पताल द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में किए जा रहे अनुसंधान और दी जाने वाली होम्योपैथी दवाई की गुणवत्ता का आंकलन करने के लिए एक नए यंत्र की खोज भी की गई है। इस यंत्र के माध्यम से होम्योपैथी दवा की गुणवत्ता प्रमाणित हो सकेगी। इसके लिए केन्द्र सरकार के सीएसआईआर के साथ एमओयू भी किया गया है। सिकल सेल से पीड़ित मरीज के जोड़ों में तेज दर्द, हाथ और पांव में सूजन, सांस लेने में तकलीफ, सीने में अत्यधिक दर्द, निमोनिया की शिकायत, लीवर की सूजन और स्ट्रोक जैसे जटिल लक्षण देखे जाते हैं।

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