एमपी का एक ऐसा सरकारी स्कूल जहां छात्रों को कंठ तर करने केवल मिडडे मील के समय मिलता है पानी

एमपी में सरकारी स्कूलों की अव्यवस्थाएं किसी से छिपी नहीं हैं। यहां एक ऐसा स्कूल भी जहां बच्चों को पीने के लिए पानी तक सही ढंग से नसीब नहीं हो पाता।

Update: 2023-02-10 08:23 GMT

एमपी में सरकारी स्कूलों की अव्यवस्थाएं किसी से छिपी नहीं हैं। यहां एक ऐसा स्कूल भी जहां बच्चों को पीने के लिए पानी तक सही ढंग से नसीब नहीं हो पाता। पढ़ाई के दौरान छात्रों को केवल एक बार भी पानी उपलब्ध कराया जाता है वह भी जब उन्हें मिड डे मील प्रदान किया जाता है। बाकी समय में पानी की टंकी ताले में कैद रहती है।

प्यास से तड़पते रहते हैं बच्चे

मामला राजधानी भोपाल से जुड़ा हुआ है। यहां कोटरा सुल्तानाबाद स्थित नया बसेरा प्राथमिक स्कूल के बच्चों का हाल बेहाल है। इस स्कूल में 115 से ज्यादा बच्चे अध्ययनरत हैं। पढ़ाई के समय बच्चे प्यास से तड़पते रहते हैं किन्तु उन्हें पीने के लिए पानी नहीं उपलब्ध हो पाता। प्राथमिक स्कूल में 500 लीटर की पानी की टंकी बनी है किन्तु यह इतनी जर्जर है कि इसमें पानी भरते ही रिस जाता है। जिससे यह टंकी कभी पूरी तरह नहीं भर पाई। स्कूल में प्लास्टिक की ही 500 लीटर की एक पानी टंकी और भी है जिसमें पानी भरकर स्कूल की साफ-सफाई सहित बर्तन धुलने का काम किया जाता है। यह टंकी उस कमरे में रखी गई है जहां बच्चों को प्रदान किए जाने वाले मिड डे मील के बर्तन रखे रहते हैं। जिसके कारण यह पानी टंकी हमेशा ताले में कैद रहती है। इसका ताला केवल एक बार ही खुलता है जब बच्चों को भोजन प्रदान किया जाता है। उसी दौरान बच्चों को पानी भी उपलब्ध होता है। बाकी समय बच्चे कंठ तर करने के लिए पानी को तरसते रहते हैं।

अन्य स्कूलों का भी हाल बेहाल

भोपाल के अन्य सरकारी स्कूलों का भी हाल बेहाल है। यहां प्यास बुझाने के लिए रखी गई पानी की टंकियां इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि उसमें एक बूंद पानी नहीं रुक पाता। इनमें शासकीय माध्यमिक शाला बरखेड़ा कलां, प्राइमरी शाला बरखेड़ा कलां, प्राइमरी शाला भंरवदा, प्राइमरी स्कूल धतुरिया के साथ ही माध्यमिक स्कूल धतुरिया शामिल हैं। जबकि रोशनपुरा स्थित शासकीय नवीन प्राथमिक स्कूल की तो बात ही अलग है। यहां पानी की टंकी स्कूल की छत पर रखी गई है। जिसे नगर निगम की नर्मदा लाइन से जोड़ा गया है। किन्तु पानी का प्रेशर इतना कम रहता है कि टंकी तक पानी पहुंच ही नहीं पाता। इस स्कूल में कुल 95 बच्चे अध्ययनरत हैं जिनको भी कंठ तर करने के लिए पानी नहीं मिल पाता।

इनका कहना है

इस संबंध में नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी की मानें तो नगर निगम का काम पानी सप्लाई की व्यवस्था करना है। किंतु यदि कहीं परेशानी आ रही है तो उसे दिखवाया जाएगा। वहीं पीएचई के एसी एमसी अहिरवार का कहना है कि उन्होंने अभी चार्ज लिया है। जिन क्षेत्रों की स्कूलों में पानी दिक्कत है उनमें जल्द ही सुधार करवाया जाएगा।

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