पूर्व मुख्यमंत्री KAMALNATH ने डाला विंध्य प्रदेश की राजनीति में डोरा, पढ़िए पूरी खबर...

पूर्व मुख्यमंत्री KAMALNATH ने डाला विंध्य प्रदेश की राजनीति में डोरा, पढ़िए पूरी खबर...भोपाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार से सत्ता छीनने

Update: 2021-02-16 06:44 GMT

पूर्व मुख्यमंत्री KAMALNATH ने डाला विंध्य प्रदेश की राजनीति में डोरा, पढ़िए पूरी खबर…

भोपाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार से सत्ता छीनने के बाद भले ही भाजपा आराम की नींद सो रही है लेकिन भाजपा सरकार को सत्ता विहीन करने की तैयारी पूर्व मुखयमंत्री KAMALNATH ने अभी से शुरू कर दी है. विंध्य प्रदेश की राजनीती में भाजपा ने कांग्रेस को ऐसी मात दी है की कांग्रेस के लिए उस जख्म से बाहर निकलना इतना आसान नहीं है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मैहर के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी कई सालो से अलग विंध्य प्रदेश बनाने की मांग कर रहे है. इसके बावजूद उनकी बातो पर शिवराज सरकार कोई जोर नहीं दे रही है. वही मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद कांग्रेस लगतार मुख्मयंत्री शिवराज को निशाना बना रही है.

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मध्य्प्रदेश में सबसे ज्यादा बहुमत विंध्य प्रदेश से ही भाजपा को ही मिली थी. बावजूद इसके विंध्य से कई वरिष्ठ विधायकों को मंत्री नहीं बनाया गया जिसको लेकर अक्सर भाजपा में खींचतान होता रहता है. भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी विंध्य प्रदेश के अलग होने की मांग को लेकर लगातार अपनी ही शरकार को निशाना बना रहे है. वही दूसरी तरफ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता नारायण के आंदोलन में हवा भर रहे है.

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री KAMALNATH भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के आंदोलन को सपोर्ट करने की तैयारी कर रहे है. इस बीच विंध्य की सियासत में कमलनाथ की इंट्री होना भाजपा सरकार के लिए शुभ सन्देश नहीं है. जानकारों की माने तो विधायक त्रिपाठी अपने घर में एक बड़ी मीटिंग का आयोजन किये थे जिसमे कांग्रेस और भाजपा के कई बड़े नेता शामिल हुए थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विधायक नारायण त्रिपाठी के लगातार विंध्य प्रदेश के अलग होने की मांग से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने विधायक त्रिपाठी पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा की विधायक लगातार गलत काम कर रहे है और उनके द्वारा विंध्य प्रदेश के अलग करने के आंदोलन की उनके द्वारा किसी भी तरह की कोई अनुमति नहीं ली जा रही है. इस तरह में पार्टी के आदेश के बिना काम करना विधायक को नुकसानदायक हो सकता है और उन्हें सजा तक का प्रावधान दिया जायेगा।

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