MP: 12 हजार शिक्षकों की पात्रता वैधता समाप्त, विधि विभाग से मांगी गई राय

12 हजार चयनियत शिक्षकों अपनी नियुक्ति के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।

Update: 2022-03-10 10:59 GMT

Madhya Pradesh Teacher Bharti News (मध्यप्रदेश टीचर भर्ती न्यूज़): नियुक्ति का इंतजार कर रहे वेटिंग लिस्ट के करीब 12 हजार चयनियत शिक्षकों अपनी नियुक्ति के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। इनकी पात्रता की वैधता पिछले माह समाप्त हो गई है। इस बारे में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विधि विभाग से राय मांगी गई है। विधि विभाग से कोई अभिमत मिलने के बाद ही स्कूल शिक्षा विभाग कोई निर्णय ले पाएगा। गौरतलब है कि भर्ती के लिए तय शर्तों के मुताबिक परीक्षा का रिजल्ट आने के डेढ़ साल तक पात्रता वैध मानी जाती है।

सरकार अगर चाहे तो इसे 6 माह और बढ़ा सकती है। पात्रता परीक्षा का रिजल्ट अगस्त 2020 में आया था। सूत्रों की माने तो स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग में अभी भी 12 हजार से ज्यादा चयनित शिक्षकां की नियुक्ति होना है। यह लोग प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंच कर आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार को भी प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए चयनित शिक्षकों ने डीपीआई में 12 घंटे धरना दिया था। इनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थी। प्रदर्शन के दौरान इनसे बातचीत करने पहुंची अपर संचालक लोक शिक्षण कामना आचार्य ने भी पात्रता अवधि समाप्त होने की बात कही थी।

चार साल पूर्व परीक्षा

बताया गया है कि 2018 में पीईबी ने उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक के पदों के लिए पात्रता परीक्षा आयोजित की थी। विधानसभा चुनाव और लॉकडाउन के चलते प्रक्रिया अटकी रही। बीते अक्टूबर में स्कूल शिक्षा विभाग ने 12043 पदों पर नियुक्ति कर दी थी।

नियुक्ति की स्थिति

शैक्षणिक मामलों के जानकार रमाकांत पाण्डेय की माने तो स्कूल शिक्षा विभाग में उच्च माध्यमिक शिक्षक के कुल पद 15000 है। इनमें 8342 पदों पर नियुक्ति दे दी गई है। 6658 पदों पर नियुक्ति होना शेष है। इस विभाग में माध्यमिक शिक्षक के कुल पद 5670 है। इनमें अभी तक 3701 की नियुक्ति हुई है।

1969 का अपॉइटमेंट होना बाकी है। दूसरी ओर जनजातीय कार्य विभाग में उच्च माध्यमिक शिक्षक के 2220 पद हैं। इनमें 1111 की नियुक्ति हुई। जबकि 1109 शेष है। इस विभग में माध्यमिक शिक्षक के 5704 पद हैं। इनमें से अभी तक 2816 पदों पर नियुक्ति कर दी गई है। जबकि 2888 पदों पर नियुक्ति किया जाना शेष है।

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