एमपी: CEO सहित दो सचिवों को न्यायालय ने दी 10-10 साल की सजा

Sidhi MP News: प्रथम अपर सत्र न्यायालय सीधी द्वारा एक अहम फैसले की सुनवाई करते हुए जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित दो सचिवों को 10-10 साल की सजा से दण्डित किया है।

Update: 2022-12-15 10:16 GMT

सीधी- प्रथम अपर सत्र न्यायालय सीधी द्वारा एक अहम फैसले की सुनवाई करते हुए जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित दो सचिवों को 10-10 साल की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय के आदेश के बाद आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। गौरतलब है कि शासकीय राशि के गबन में आईपीसी की धारा 409 में आरोपियों को दोषसिद्ध पाए जाने पर न्यायालय ने यह सजा दी है। साथ ही आरोपियों को 2-2 हजार के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।

क्या है मामला

बताया गया है कि जिला पंचायत सीधी में सहायक ग्रेड 2 रामकृपाल साकेत द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मझौली को गबन से संबंधित जानकारी दी गई थी। इसके बाद राजस्व मझौली द्वारा मामले की शिकायत थाने में की गई। गौरतलब है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मझौली एनपी श्रीवास्तव ने ग्राम पंचायत सचिवों के साथ सांठ-गांठ कर समग्र स्वच्छता अभियान योजना की राशि का बंदरबाट कर लिया था। जिसमें शासकीय राशि में वित्तीय अनियमितता देखने में आई।

कलेक्टर ने कराई थी जांच

बताया गया है कि शिकायत के बाद कलेक्टर सीधी द्वारा सीईओ जिला पंचायत को जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद सीईओ द्वारा टीम कर जांच कराई गई। टीम द्वारा जांच में पाया गया कि अभियुक्तगणों ने 11 फरवरी 2010 को रीवा सीधी ग्रामीण बैंक के योजना अंतर्गत खाता खोलकर ग्राम पंचायत तिलवारी के लिए 4 लाख 98 हजार, 5 मार्च 2010 को 1 लाख 64 हजार रूपए व ग्राम पंचायत दियाडोल के लिए 11 फरवरी 2010 को 2 लाख 80 हजार राशि का आहरण कर लिया। राशि के गबन का आरोप साबित होने पर न्यायालय द्वारा आरोपियों को सजा दी गई।

ये हैं आरोपी

न्यायालय द्वारा जिनको सजा दी गई है उसमें सीईओ नागेश्वर प्रसाद मिश्रा पुत्र रावनारायण लाल 70 वर्ष निवासी त्योंथर सोहागी जिला रीवा के अलावा सचिव पुरूषोत्तम लाल गुप्ता पुत्र हरदीन गुप्ता 49 वर्ष निवासी तिलवारी मझौली एवं उमेश सिंह पुत्र सहदेव सिंह 50 वर्ष निवासी दियाडोल थाना मझौली शामिल है।

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