बिना हथियार कैसे होगी सीमा की सुरक्षा, जबलपुर में तैयार, सेना में शामिल होगी तोप की दूसरी खेप

देश के सीमा की सुरक्षा में सेना का महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। लेकिन आज विश्व में इस हथियारों की दौड चल रही है। ऐसे में हर देश के लिए

Update: 2021-02-16 06:40 GMT

बिना हथियार कैसे होगी सीमा की सुरक्षा, जबलपुर में तैयार, सेना में शामिल होगी तोप की दूसरी खेप

जबलपुर। देश के सीमा की सुरक्षा में सेना का महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। लेकिन आज विश्व में इस हथियारों की दौड चल रही है। ऐसे में हर देश के लिए आवश्यक हो गया है कि वह अपने देश की सुरक्षा के लिए नये हथियार का भी इंतजाम करें। तभी देश की सुरक्षा सेना कर पायेगी। अगर हथियार नही होने पर एक मजबूत सेना भी कमजोर पड जायेगी।

जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री ने कई धनुष तोपो का परीक्षण किया और अब उसे सेना के बेडे शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। बताया गया है कि प्रक्रिया पूर होते ही इसे सेना के बेडे में धनुष की दूसरी खेप शामिल हो जयेगी। इसके पहले भी 2019 में सेना को जबलपुर से 6 धनुष तोप दी गई थी।

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धनुष तोप के बारे में जानकारी मिली है कि यह अपनी जगह से 38 किलोमीटर तक मारने की क्षमता रखती है। ऐसे में दुश्मनोे के हौसले कैसे कायम रह सकते हंै। बताया तो यहां तक जाता है कि यह बोफोर्स तोप का अपग्रेड वर्जन है। इसकी अदभुद मारक क्षमता को सेना के जवान काफी पसंद करते हैं। बालासोर में दो तोप का परीक्षण कराया था। अब तोप पूरी तरह तैयार है, केवल डायरेक्टर जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस से इंस्पेक्शन नोट मिलना है।

जानकारी के अनुसार आयुध निर्माण बोर्ड ने धनुष का उत्पादन काम होने पर शारंग तोप प्रोजेक्ट को भी जीसीएफ से वीकल फैक्ट्री जबलपुर शिफट कर दिया है। ऐसे में दोनांे ही तोप बनाने मे ंलगे इंजीनियर और कर्मचारी द्वारा समय पर काम पूरा करने में मदत मिलेगी। ऐसे में सेना को लगातार धनुष तोप की सप्लाई होती रहेगी।

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