वैज्ञानिकों ने 48 घंटे में ही ख़त्म कर दिया Coronavirus, Anti-Parasite ने किया कमाल

Australia के वैज्ञानिकों ने परजीवियों को मारने वाली दवा (Anti-Parasite) के उपयोग से 48 घंटे में ही Coronavirus को मात दे दी, ऐसा दावा किया गया

Update: 2021-02-16 06:18 GMT

Australia के वैज्ञानिकों ने परजीवियों को मारने वाली दवा (Anti-Parasite) के उपयोग से 48 घंटे में ही Coronavirus को मात दे दी, ऐसा दावा किया गया है

आज तकरीबन पूरी दुनिया Coronavirus महामारी का कहर झेल रही है. अब तक 11 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 61 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है ​कि ये वायरस नया है. लिहाजा अभी इसका कोई टीका है और न कोई एक खास इलाज. जबकि Anti-Parasite से Coronavirus का असर ख़त्म होने का दावा किया जा रहा है. 

दुनिया भर में इसके इलाज और वैक्सीन के लिए वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हुए हैं और अब उम्मीद की एक किरण चमकती नजर आ रही है. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक इसकी काट ढूंढने के बहुत करीब पहुंच चुके हैं.

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परजीवियों को मारने वाली दवा (Anti-Parasite) का कमाल

ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों ने लैब में Coronavirus से संक्रमित कोशिका से महज 48 घंटे में ही वायरस को खत्म किया है और वह भी एक ऐसी दवा से जो पहले से ही मौजूद है. शोधकर्ताओं ने पाया कि दुनिया में पहले से ही मौजूद एक Anti-Parasite ड्रग यानी परजीवियों को मारने वाली दवा ने Coronavirus को खत्म कर दिया. यह Coronavirus के इलाज की दिशा में बड़ी कामयाबी है और इससे अब क्लिनिकल ट्रायल का रास्ता साफ हो सकता है.

दवा के सिर्फ एक डोज से 48 घंटे में कोरोना खत्म!

एंटी-वायरल रिसर्च जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इवरमेक्टिन नाम की दवा (Anti-Parasite) की सिर्फ एक डोज Coronavirus समेत सभी वायरल आरएनए को 48 घंटे में खत्म कर सकती है. अगर संक्रमण ने कम प्रभावित किया है, तो वायरस 24 घंटे में ही खत्म हो सकता है. दरअसल RNA Virus उन वायरसों को कहा जाता है, जिनके जेनेटिक मटीरियल में आरएनए यानी रिबो न्यूक्लिक एसिड होता है. इस स्टडी को ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी की काइली वैगस्टाफ ने अन्य वैज्ञानिकों के साथ मिलकर लिखा है.

कई और वायरसों के इलाज में पहले से इस्तेमाल होती है यह दवा

इस शोध में वैज्ञानिकों ने कहा है कि इवरनेक्टिन एक ऐसा Anti-Parasite ड्रग है, जो एचआईवी, डेंगू, इन्फ्लुएंजा और जीका वायरस जैसे तमाम वायरसों के खिलाफ कारगर है. हालांकि वैगस्टाफ ने साथ में यह चेतावनी भी दी है कि यह स्टडी लैब में की गई है और इसका लोगों पर परीक्षण करने की जरूरत होगी.

सुरक्षित दवा मानी जाती है इवरमेक्टिन

वैगस्टाफ ने कहा, 'इवरमेक्टिन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है और यह सुरक्षित दवा मानी जाती है. अब हमें यह देखने की जरूरत है कि इसका डोज इंसानों में (Coronavirus के खिलाफ) कारगर है या नहीं. अब यह अगला चरण है.'

उन्होंने आगे कहा, 'ऐसे वक्त में जब हम वैश्विक महामारी से जूझ रहे हैं और इसका कोई अप्रूव्ड इलाज नहीं है, तो अगर हमारे पास पहले से मौजूद दवाओं का कोई मिश्रण हो तो यह लोगों को जल्दी मदद देगा.'

क्लिनिकल ट्रायल का रास्ता हो सकता है साफ

हालांकि, इवरमेक्टिन Coronavirus पर किस तरह काम करता है, इसकी सटीक जानकारी का पता नहीं चल सका है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि जिस तरह से यह दवा अन्य वायरसों पर काम करती है. उसी तरह यह कोरोना पर भी काम करेगी. अन्य वायरसों में यह दवा सबसे पहले होस्ट सेल्स (वह कोशिकाएं जो सबसे पहले संक्रमण का शिकार हुईं और जिनसे अन्य कोशिकाओं में संक्रमण फैल रहा हो) में वायरस के प्रभाव को खत्म करती है.

...लेकिन अभी करना होगा इंतजार

स्टडी की एक अन्य को-ऑथर रॉयल मेलबर्न हॉस्पिटल की लियोन कैली ने बताया कि वह Coronavirus की इस संभावित दवा को लेकर बहुत रोमांचित हैं. हालांकि, उन्होंने चेताया कि प्री-क्लिनिकल टेस्टिंग और उसके बाद क्लिनिकल ट्रायल्स के चरण अभी भी बाकी है. इन चरणों के नतीजों के बाद ही Coronavirus के इलाज में इवरमेक्टिन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

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