गंगाजल कभी खराब क्यों नहीं होता है? जानिए

भारत नदियों का देश है. जिनमे से एक है गंगा नदी, इस नदी के जल (Gangajal) की पवित्रता से तो हर कोई वाकिफ है.

Update: 2023-01-25 06:00 GMT

गंगाजल कभी खराब क्यों नहीं होता है

भारत नदियों का देश है. जिनमे से एक है गंगा नदी (Ganga River), इस नदी के जल (Gangajal) की पवित्रता से तो हर कोई वाकिफ है. लगभग हर हिन्दू के घर में गंगाजल का एक कलश या बर्तन मिल ही जाएगा. किसी पूजा के लिए, चरणामृत में मिलाने के लिए या घर को पवित्र करने के लिए इस जल का उपयोग प्राचीन काल से ही चलता आ रहा है. वैसे तो घर में रखा हुआ सामान्य पानी कुछ ही दिनों में ख़राब होने लग जाता है लेकिन गंगाजल तो सालों-साल तक ख़राब नहीं होता. आखिर ऐसा क्यों होता है? आज हम आपको इस जल की कुछ विशेषताएं बताएँगे.

दरअसल, हिमायल की कोख गंगोत्री (Gangotri) से निकली गंगा का जल इसलिए कभी ख़राब नहीं होता क्यूकि इस जल में प्रचुर मात्रा में गंधक, सल्फर एवं खनिज की सर्वाधिक मात्रा पाई जाती है.

राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की के निर्देशक डॉ. आरडी सिंह ने बताया कि हरिद्वार में गोमुख गंगोत्री (Gomukh Gangotri) से आ रही गंगा (Ganga River) के जल की गुणवत्ता पर इसलिए कोई प्रभाव नहीं पड़ता, क्योकि यह हिमायल पर्वत पर उगी हुई अनेकों जड़ी-बूटियों के ऊपर से स्पर्श करता हुआ आता है.

अन्य कारण भी

वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि गंगाजल ख़राब न होने के कई वैज्ञानिक कारण हैं, जिनमे से एक यह है कि इस जल मे बैट्रिया फोस नामक एक बैक्टीरिया पाया जाता है, जो जल में मौजूद गंदगी एवं अवांछनीय पदार्थ को खाता है. इससे जल की शुद्धता बनी रहती है, इसके अलावा इस जल में गंधक की प्रचुर मात्रा पायी जाती है, इसलिए भी यह खराब नहीं होता.

प्रदूषित हो रही गंगा

जैसे-जैसे गंगा हरिद्वार से आगे अन्य शहरों की तरफ बढ़ती है, शहरों का गन्दा पानी, खेतों का पानी, घर से निकला हुआ गन्दा पानी तथा अन्य प्रकार के औद्योगिक कूड़ा करकट आदि गंगा में मिलकर उसे भी दूषित करता जाता है. यही कारण है कि प्रयागराज , वाराणसी एवं कानपुर का गंगा जल अब पीने योग्य नहीं रह गया है.

खुद ही साफ़ हो रही गंगा

लम्बे समय से गंगा पर शोध कर रहे आईआईटी रुड़की में पर्यावरण विज्ञान के रिटायर प्रोफेसर देवेंद्र स्वरुप भार्गव का कहना है कि गंगा नदी को साफ़ करने वाला तत्व नदी के तलहटी में ही सब जगह मौजूद है. इसके अलावा कोविड के लॉकडाउन के चलते कई सालों बाद गंगा नदी को साफ़ देखा गया.

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