मुगल भारत क्यों आये थे ? मुगलों का सम्पूर्ण इतिहास

भारत का मुगल साम्राज्य: एक विस्तृत ऐतिहासिक यात्रा;

Update: 2025-07-30 11:50 GMT

भारत: भारत के इतिहास में मुगल साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिसने 300 से अधिक वर्षों तक भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन किया। यह साम्राज्य अपनी भव्यता, स्थापत्य कला, सांस्कृतिक विरासत और प्रशासनिक नीतियों के लिए जाना जाता है। इस विस्तृत ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत बाबर के आगमन से हुई और औरंगजेब की मृत्यु के बाद इसका पतन शुरू हुआ, जो अंततः 1857 में समाप्त हो गया।

बाबर का आगमन और साम्राज्य की स्थापना:

मुगल साम्राज्य की नींव ज़हीर-उद-दीन मुहम्मद बाबर ने रखी थी, जिसका जन्म 1483 में फरगना (आधुनिक उज़्बेकिस्तान) में हुआ था। तैमूर और चंगेज खान के वंशज बाबर को फरगना और समरकंद से बेदखल होने के बाद, उन्होंने 1504 में काबुल पर विजय प्राप्त की। धन और विस्तार की इच्छा से प्रेरित होकर, बाबर ने भारत, जिसे "सोने की चिड़िया" के रूप में जाना जाता था, पर अपनी नज़रें गड़ा दीं। 1525 में, उन्होंने आक्रमण की योजना बनाना शुरू कर दिया, उन्हें अलाउद्दीन लोदी और दौलत खान ने आमंत्रित किया था, जो इब्राहिम लोदी को सत्ता से हटाना चाहते थे। दिसंबर 1525 में, बाबर ने 12,000 सैनिकों के साथ सिंधु नदी पार की।

1526 में पानीपत का पहला युद्ध एक निर्णायक मोड़ था, जहाँ बाबर ने बारूद और बेहतर रणनीति का उपयोग करके इब्राहिम लोदी की कहीं अधिक बड़ी सेना को हराया। इस जीत से दिल्ली में मुगल सल्तनत की स्थापना हुई।

उत्तराधिकारी और साम्राज्य का विस्तार:

  1. हुमायूँ: बाबर के पुत्र हुमायूँ को सिंहासन विरासत में मिला, लेकिन उन्हें अपने भाइयों और शेर शाह सूरी से चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्हें भारत से निर्वासित होना पड़ा। उन्होंने अंततः 1555 में दिल्ली को फिर से हासिल कर लिया, लेकिन उसके तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो गई।
  2. अकबर: हुमायूँ की मृत्यु के बाद मात्र 13 वर्ष की आयु में अकबर सिंहासन पर बैठे। अपने सेनापति बैरम खान की मदद से, उन्होंने 1556 में पानीपत के दूसरे युद्ध में राजा हेमू को हराया। अकबर अपने धर्मनिरपेक्ष विचारों के लिए जाने जाते थे और उन्होंने हिंदुओं पर लगने वाले जजिया कर को समाप्त कर दिया था। उन्होंने साम्राज्य का महत्वपूर्ण विस्तार किया, जिसमें 1568 में चित्तौड़ की विजय भी शामिल थी। उन्हें स्थापत्य कला का भी शौक था, उन्होंने फतेहपुर सीकरी का निर्माण कराया।
  3. जहाँगीर: अकबर के पुत्र सलीम ने जहाँगीर का नाम अपनाया। वे अपने सख्त न्याय के लिए जाने जाते थे और उनकी 20 पत्नियाँ थीं, जिनमें नूर जहाँ उनकी पसंदीदा थीं। उनके शासनकाल के दौरान भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई।
  4. शाहजहाँ: जहाँगीर के पुत्र खुर्रम खान 1627 में शाहजहाँ बने। उनके शासनकाल में महत्वपूर्ण आर्थिक समृद्धि और कला और स्थापत्य कला में प्रगति देखी गई, जिसमें ताजमहल, लाल किला और मोती मस्जिद का निर्माण शामिल है। उन्होंने मयूर सिंहासन का भी निर्माण कराया।
  5. औरंगजेब: शाहजहाँ के तीसरे पुत्र औरंगजेब ने 1658 में अपने पिता को कैद करने और अपने भाई दारा शिकोह को मारने के बाद सत्ता हथिया ली। उनके शासनकाल में हिंदुओं के प्रति क्रूरता देखी गई, जिसमें मंदिरों का विनाश और जबरन धर्मांतरण शामिल था। इससे मराठों, मारवाड़ियों और राजपूतों से व्यापक विद्रोह हुआ।

मुगल साम्राज्य का पतन:

1707 में औरंगजेब की मृत्यु ने साम्राज्य के पतन की शुरुआत को चिह्नित किया। बाद के मुगल शासक कमजोर और अल्पकालिक थे, जबकि अंग्रेजों की शक्ति बढ़ती गई। अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर द्वितीय थे, जिनकी 1822 में म्यांमार में मृत्यु हो गई। मुगल साम्राज्य आधिकारिक तौर पर 1857 में दिल्ली में समाप्त हो गया।

मुगल साम्राज्य ने भारतीय इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी है, जो आज भी इसकी भव्य इमारतों, समृद्ध कला और सांस्कृतिक विरासत में दिखाई देती है।

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