स्पेस में रहने के बाद जब एस्ट्रोनॉट धरती में आते हैं तो उन्हें बड़ी अजीब दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं

Space and Astronaut: एस्ट्रोनॉट बनना कोई बच्चों का काम नहीं है, स्पेस में जाने से पहले सालों ट्रेनिंग लेनी पड़ती है और धरती में वापस आने के बाद उनको चलने तक नहीं बनता

Update: 2022-01-11 09:13 GMT

Space and Astronaut: एक अंतरिक्ष यात्री यानी के एस्ट्रोनॉट बनाना कोई बच्चों का खेल नहीं है, आप को लगता होगा कि एस्ट्रोनॉट को तो स्पेस में बहुत मजा आता होगा, जीरो ग्रैविटी में वो लोग खूब मस्ती करते होंगे, बेशक उनको मजा तो बहुत आता होगा लेकिन धरती छोड़ने के पहले और धरती लौटने के बाद एस्ट्रोनॉट को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 

एस्ट्रोनॉट धरती में वापस आने के बाद चल क्यों नहीं पाते (why astronauts can't walk after landing)

जब धरती से इंसान अंतरिक्ष में जाता है तो उसे जीरो ग्रैविटी फील होती है, मतलब अंतरिक्ष में वजन जैसी कोई चीज़ नहीं होती उधर सब कुछ हवा में उड़ता रहता है, अंतरिक्ष में जाने के बाद एस्ट्रोनॉट का काम-धाम, रहना, खाना-पीना, पोटी जाना सब कुछ अलग हो जाता है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 6 महीने का समय बिताने के बाद एस्ट्रोनॉट वापस धरती में आते हैं और यहीं से शुरू होता है अजीब दिक्कतों का दौर.

चल नहीं पाते 

जब स्पेस में समय बिताने के बाद एस्ट्रोनॉट वापस धरती में लैंड करते हैं तो उन्हें स्टेचर में वापस लाया जाता है, क्योंकि वो चलने-फिरने में असक्षम हो जाते हैं. कुछ दिन तक उन्हें दूसरों का सहारा लेकर चलना पड़ता है या फिर वो लोग व्हील चेयर का सहारा लेते हैं. ऐसा होने के पीछे कारण ये है कि अंतरिक्ष में लम्बे समय रहने के बाद वहां उनके शरीर की मांसपेशियां इनएक्टिव हो जाती हैं और कमजोर पड़ जाती हैं. वो इसी लिए अपने पैरों में खड़े नहीं पाते।

एक महीने तक ऐसे ही रहना पड़ता है 

एस्ट्रोनॉट की मांसपेशियों को धरती की ग्रैविटी में संतुलन बनाने के लिए करीब एक महीने तक ऐसे ही दूसरों का सहारा लेकर चलना पड़ता है, इस दौरान वातावरण में भी बदलाव होता है तो उन्हें, चक्कर आने, उल्टी, दस्त जैसी समस्याओं का सहारा लेना पड़ता है, ऐसे में उनकी तबियत भी बिगड़ने लगती है। लेकिन उनका रेगुलर मेडिकल चेकअप होता रहता है और कुछ हफ्तों बाद उनके शरीर की मासपेशियां सुधरने लगती हैं। 


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