इलेक्शन कमीशन की सरकार से अपील: एक उम्मीदवार सिर्फ एक सीट पर लड़े चुनाव

देश में कोई भी कैंडिडेट दो सीटों से चुनाव लड़ सकता है, कैंडिडेट एक और सीट दो बड़ी नाइंसाफी है

Update: 2022-06-17 12:37 GMT

चुनाव आयोग की एक कैंडिडेट एक सीट अपील: चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से अपील की है कि, देश में होने वाले इलेक्शन में एक सीट से सिर्फ एक ही उम्मीदवार चुनाव लड़े, और एक से अधिक सीटों में अपनी उम्मीदवारी जताने वाले नेताओं पर जुर्मना लगे. इलेक्शन कमीशन चाहता है कि एक कैंडिडेट के लिए सिर्फ एक सीट हो. भारत में कोई भी सांसद, विधायक चाहे तो एक से अधिक सीटों में चुनाव लड़ सकता है। ऐसा अक्सर वही नेता करते हैं जिनकी पार्टी में मजबूत पकड़ होती है. लेकिन चुनाव आयोग इस प्रावधान पर संशोधन कराना चाहता है. 

चुनाव आयोग ने सरकार से वन केंडिडेट वन सीट का फार्मूला लागू करने के लिए पहली बार अपील नहीं की है, बल्कि यह प्रावधान 20 साल पुराना है जिसे दोबारा लागू करने की मांग चुनाव आयोग कर रहा है. इलेक्शन कमीशन ने कहा है कि अगर कोई उम्मीदवार इस प्रावधान का पालन नहीं करता है तो एक निर्वाचन क्षेत्र को खाली करने वाले और उपचुनाव कराने वालों पर जुर्माना लगाया जाए.  कानून मंत्रालय के विधायी सचिव के साथ बातचीत के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पहली बार 2004 में इस प्रस्ताव पर संशोधन करने की अपील की थी. 

एक उम्मीदवार का दो सीटों से चुनाव लड़ना नुकसान का सौदा है 

चुनाव आयोग का कहना है कि जब कोई कैंडिडेट दो अलग सीटों से चुनाव लड़ता है तो परिणाम आने के बाद अगर वो दोनों में जीत जाता है तो उसे एक सीट छोड़नी पड़ती है, फिर छोड़ी हुई सीट में दोबारा से उपचुनाव करना पड़ता है. मतलब एक सीट में दो-दो बार चुनाव होता है मतलब दोगुना खर्च और दोगुना समय लगता है. 

साथ ही यह उन मतदाताओं का भी अपमान और उनके मताधिकार का हनन होता है जब कोई कैंडिडेट दो सीटों से चुनाव जीते और एक सीट उसे छोड़नी पड़े. ऐसे में डेमोक्रेसी कहां रह जाती है. जिन लोगों ने एक बार किसी कैंडिडेट को चुना और वह उम्मीदवार किसी दूसरी सीट में भी जीत जाए और एक सीट छोड़ दे तो इसमें डेमोक्रेसी कहां हुई 

सरकार पर बढ़ता है आर्थिक बोझ 

चुनाव आयोग का कहना है कि उपचुनाव में सरकारी खजाने, जनशक्ति और देश के अन्य संसाधनों पर बेवजह आर्थिक बोझ बढ़ता है. यह उन मतदाताओं के साथ अन्याय होता है जहां से उनका वोट दिया कैंडिडेट जीतता है और सीट छोड़ देता है. चुनाव आयोग ने मांग की है कि सरकार एक सीट एक कैंडिडेट वाले अधिनियम पर अमल करे और एक से ज़्यादा सीटों में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी पर इतना भारी जुर्माना लगाए कि उपचुनाव का खर्च उसी जुर्माने से वसूल हो जाए. 



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