बिहार में वोटर वेरिफिकेशन पर SC का बड़ा आदेश, लिस्ट में ऑनलाइन भी जुड़वा सकेंगे नाम; आधार भी मान्य

बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि हटाए गए वोटर ऑनलाइन भी अपना नाम जुड़वा सकेंगे।;

Update: 2025-08-22 12:31 GMT

बिहार में चल रही वोटर लिस्ट की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) यानी SIR पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि वोटर लिस्ट से हटाए गए लोग अब ऑनलाइन भी अपना नाम फिर से जुड़वा सकेंगे। अब तक उन्हें सिर्फ फिजिकली आवेदन करने की अनुमति थी। यह फैसला उन लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत है जिनके नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए थे।

आधार कार्ड समेत 11 दस्तावेजों को मिलेगी मान्यता

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए अब आधार कार्ड समेत फॉर्म 6 में दिए गए 11 दस्तावेजों में से कोई भी जमा किया जा सकता है। इन दस्तावेजों में ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक पासबुक और पानी का बिल जैसे डॉक्यूमेंट शामिल हैं। कोर्ट ने विशेष रूप से आधार कार्ड को भी स्वीकार करने का आदेश दिया है, जिससे आवेदन की प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी।

कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को फटकारा

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की राजनीतिक पार्टियों की निष्क्रियता पर हैरानी जताई और उन्हें फटकार भी लगाई। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "राजनीतिक दलों की निष्क्रियता हैरान करने वाली है।" कोर्ट ने सवाल किया कि मतदाताओं की मदद के लिए पार्टियां क्या कर रही हैं। कोर्ट ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि राज्य में लगभग 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट होने के बावजूद, उनकी तरफ से सिर्फ दो आपत्तियां ही दर्ज की गई थीं। कोर्ट ने पार्टियों से आगे बढ़कर वोटर्स की मदद करने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट के अहम निर्देश

  • बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्य की सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों को अदालती कार्यवाही में शामिल करें।
  • चुनाव अधिकारी उन राजनीतिक पार्टियों के बूथ लेवल एजेंटों को रसीद (acknowledgement) दें, जो हटाए गए मतदाताओं के आवेदन जमा कर रहे हैं।
  • सभी राजनीतिक पार्टियां अगली सुनवाई में उन फॉर्म्स पर स्टेटस रिपोर्ट दें, जिन्हें उन्होंने वोटर्स की मदद से जमा कराया था।

इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी, जिसमें पार्टियों को अपनी स्टेटस रिपोर्ट भी देनी होगी।

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