36 बच्चों का रेप और मर्डर करने वाले दोषी को रोहिणी कोर्ट ने फांसी की सज़ा नहीं दी! 15 लाख का जुर्माना भरने से भी राहत दी

36 बच्चों का रेप और गला दबाकर उनकी हत्या करने वाला रविंदर कुमार फांसी की सज़ा से बच गया

Update: 2023-05-26 07:34 GMT

Rohini Court Verdict On Ravindar Kumar: 36 बच्चों के साथ रेप कर उनका गला दबाकर जान से मार देने वाले दरिंदे को कोर्ट ने फांसी की सज़ा नहीं दी, उसपर लगे 15 लाख रुपए के जुर्माने से भी उसे राहत दे दी गई. 3 दर्जन बच्चों-बच्चियों के रेपिस्ट और मर्डरर पर न्यायलय ने इतनी मेहरबानी क्यों दिखाई यह बड़ी चिंता की बात है. ऐसे गंभीर और मानवता के विरुद्ध जाकर घटिया अपराधों को अंजाम देने वाले दोषी रविंदर कुमार को सिर्फ उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई. 

घटियापन और हैवानियत की पराकाष्टा करने वाले इस दोषी का नाम रविंदर कुमार (Ravindar Kumar) है. जिसने 17 साल की उम्र से ही मासूम बच्चों को अपनी दरिंदगी का शिकार बनाना शुरू कर दिया था. उसने  2007 से लेकर 2015 तक 30 से ज़्यादा बच्चे-बच्चियों का रेप कर उन्हें जान से मार डाला है. अब ऐसे जघन्य अपराध करने वाले दोषी को क्या सज़ा मिलनी चाहिए थी? 

रविंदर कुमार को उम्रकैद की सज़ा 

14 जुलाई 2015 को दिल्ली के बेगमपुरा में एक 6 साल की बच्ची गायब होती है. दो दिन बाद पुलिस रविंदर कुमार नाम के आरोपी को गिरफ्तार करती है. उसपर बच्ची के साथ रेप और गला दबाकर हत्या करने का आरोप लगाया जाता है. 

जब आरोपी से पूछताछ की जाती है तो यह मामला सिर्फ एक बच्ची के रेप और मर्डर का नहीं बल्कि 36 बच्चों के साथ बलात्कार और हत्या का मामला बन जाता है. जब आरोपी ने पूछताछ में दिल्ली पुलिस को अपनी हैवानियत की कहानी सुनाई तो सभी सन्न रह जाते हैं. 

रविंदर ने बताया कि उसने सिर्फ उस 6 साल की मासूम का रेप और मर्डर नहीं किया, बल्कि 2007 से लेकर 2015 तक ऐसे 36 बच्चों को शिकार बनाया। जब उसने पहली बार किसी बच्चे का रेप और मर्डर किया था तब वो 17 साल का था. 

रविंदर पहले शराब पीटा और गली-चौराहों या घरों के बाहर से छोटे बच्चों को अगवा कर लेता। उनका रेप करता और अपनी तीन अँगुलियों से गला दबाकर उन्हें मौत के घात उतार देता। रेप और हत्या करने का उसका यही पैटर्न था. 

एक केस ऐसा भी था जिसमे एक बच्ची के रेप और हत्या का आरोप उसी के पिता पर लगा दिया गया था. जब रविंदर कुमार पकड़ा गया और उसने पुलिस को अपने क्राइम की जगह और डेट बताई तो मामला क्लियर हुआ. 

रविंदर ने खुद कबूल किया था कि उसने 36 बच्चों के साथ रेप और मर्डर किया लेकिन पुलिस सिर्फ तीन मामलों से जुड़े सबूत जुटा पाई. 2019 में भी रविंदर कुमार को एक मामले में 10 साल की सज़ा हुई थी. 

2015 वाले मामले में 25 मई 2023 को अदालत में सुनवाई हुई. कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सज़ा सुनाई। रोहिणी कोर्ट के एडिशनल जज ने कहा- रविंदर कुमार  जघन्य है लेकिन उसे मौत की सज़ा नहीं सुनाई गई. 

कोर्ट ने कहा- 'बचाव पक्ष की ये दलील कि आरोपी गरीब है, ये कोई आधार नहीं है कि उसके प्रति नरमी बरती जाए. हालांकि उसके खिलाफ जेल से कोई निगेटिव रिपोर्ट नहीं है. उसका बर्ताव जेल में ठीक था. जहां तक बात मृत्यु दंड देने की है तो ऐसे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए, लेकिन इस केस में संदेह है. आरोपी का DNA पीड़िता के सिर्फ एक कपड़े से मिला है, दूसरी जगहों पर नहीं. साथ ही इस केस में कोई चश्मदीद नहीं है. ऐसे में संदेह बरकरार है. आरोपी किसी यौन शिकारी से कम भी नहीं है. उसे ज्यादा से ज्यादा सजा मिलनी चाहिए, जिससे समाज में एक संदेश जाए.' 

15 लाख का जुर्माना DLSA देगा 

रविंदर कुमार पर कोर्ट ने 15 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। यह पैसे पीड़ित परिवार की मदद के लिए लिए जाने हैं. क्योंकि रविंदर कुमार के पास इतने पैसे नहीं है इसी लिए कोर्ट ने DLSA यानी Delhi Legal Services Authority) को भुगतान करने का आदेश दिया। 

Tags:    

Similar News