आनंद गिरि की रईसी देख आपका दिमाग हिल जाएगा, बड़े बड़े धन्नासेठों के शौक भी इनके सामने कुछ नहीं

स्पोर्ट्स कार, बाइक, बिज़नेस क्लास में सफर और महंगे मोबाइल् है पसंद

Update: 2021-09-24 07:55 GMT
ANAND GIRI 




महंत आनंद गिरी : 12 साल का वो लड़का जो कभी अपने घर से भाग कर हरिद्वार पंहुचा सन्यासी बना, आज अकूत संपत्ति का मालिक और अपने ही गुरु की मौत का आरोपी बन गया।आनंद गिरी की रईसी देख कर आपका दिमाग चकरा जाएगा, बड़े बड़े धन्नासेठों के भी शौक महंत के आगे कुछ नहीं हैं। 

अखिल भारतीय अखाडा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई ,पुलिस को जांच के दौरान जो 10 पन्नो  का सुसाइड नोट मिला उसमे आनंद गिरी पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे ,नरेंद्र गिरी ने जो कथित सुसाइड नोट लिखा था उसमे आनंद गिरी पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए हैं । जिसके बाद पुलिस ने आनंद गिरी को मुख्य आरोपी  मानते हुए हिरासत में ले लिया है। 

अब चलते हैं फ़्लैश बैक में जब आनंद गिरी कोई महंत नहीं बल्कि 12 साल का एक मिडिल क्लास परिवार में रहने वाला अशोक चोटिया नाम का लड़का था। एक घर से भागा हुआ लड़का कैसे इतना बड़ा महंत बन गया जिसके पास कभी चलने के लिए कोई साईकिल नहीं थी वो आखिर मंहगी स्पोर्ट्स कार का शौक़ीन कैसे बन गया। शुरू से लेकर अबतक आनंद गिरी का सारा कच्चा चिटठा आपको यहीं मिलेगा। 

12 साल का था जब घर से भगा 

साल 1996 की बात है अशोक तब 12 वर्ष का था अपने 4 भाइयों सबसे छोटा ,पढाई में कुछ ख़ास मन नहीं लगता था इसी लिए एक दिन अचानक वो अपने घर भीलवाड़ा (राजस्थान)  से भाग कर सैड़कों मील दूर देव नगरी हरिद्वार चला गया , वहां संतों का हुजूम देख वो चकित रह गया और तभी से संत बनने की ठान ली हरिद्वार के ही एक संत ने उसे महंत नरेंद्र गिरी से मिलवाया , नरेंद्र गिरी ने उसे अपना शिष्य बना लिया ।  

घर वालों ने 5 साल बाद टीवी में देख की पहचान 

जब अशोक  घर से गायब हो गया था तब से उसका परिवार उसे ढूढ़ने में जुट गया , कई दिन , हफ्ते ,महीने और साल बीत गए मगर अशोक का कोई पता नहीं चल पाया। ये साल 2001 की बात है जब आनंद गिरी भक्ति चैनल पर प्रवचन दे रहा था. जैसे से उसके परिवार की नज़र प्रवचन देते सन्यासी पर पड़ी वो तुरंत समझ गए की ये तो उनका बेटा अशोक है। सन्यास धारण करने के चलते वह अपने परिवार से सारे नाते तोड़ चुका था। पहचान होने के करीब 9 साल बाद वो अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के साथ गांव पंहुचा था।  वहीं दीक्षा मिलने के बाद अशोक चोटिया का नाम बदल कर आनंद गिरी  रख दिया गया। फिर क्या धीरे धीरे आनंद गिरी अपने गुरु के कद को छूने लगा ,वो अब अपने गांव के रहने वाले युवाओं क लिए एक आइडल बन गया।  गांव में हर माता पिता अपने बच्चों को आनंद गिरी की तरह बनने की सलाह देने लगे। 


अब सन्यासी आनंद गिरी का भौकाल देखिये 

आनंद गिरी का कहना है की वो बचपन में ही  सन्यासी बन गए थे लेकिन इंटरनेट में जो तस्वीरें वाइरल हो रही हैं वो कुछ और ही दास्ताँ बयां करती हैं।  इन तस्वीरों को देख कर लगता है की आनंद गिरी का सन्यासी बनने के बाद भी दुनिया की माया से मोह छूटा नहीं था।  


छोटे महाराज का भौकाल अलग ही लेवल पर था 

आम साधुओं की तरह आनंद गिरी कोई पंडाल के नीचे बैठ कर ईश्वर की उपासना करने तक सीमित नहीं था। महगीं गाड़ियों में फर्राटे मारना , महंगे मोबाईल फोन रखना , विदेशों की सैर बिज़नेस क्लास में करना और अपनी भौकालबाज़ी की बार बार फोटो खिचवाना महंत के प्रमुख शौक थे ,आनंद गिरी की इंटरनेट में जो फोटो पड़ी हैं उसमे वो पजेरो , लेम्बोर्गिनी, BMW जैसी गाडी की सवारी करते दिखाई दे रहें हैं। आनंद गिरी ने अपने एक पुराने इंटरव्यू में कहा था की वो कोई करोड़पति नहीं हैं ना ही उनको कोई बड़ा आदमी बनना है , उनके शिष्य जो उन्हें देते हैं उसी से उनका काम चलता हैं , आनंद गिरी को सिर्फ कार्स नहीं बल्कि स्पोर्ट्स बाइक का भी शौक है, लेकिन वो कुछ खरीदतें नहीं है। 


जब लगे बलात्कार के आरोप 

जैसे जैसे आनंद गिरी अपने गुरु की बराबरी करते गए वैसे वैसे गुरु और शिष्य के बीच तनाव भी बढ़ता गया। आपस में मतभेद मनभेद तक पहुंच गया , जब विवाद बढ़ने लगा तो आनंद गिरी अपना ज़्यादा वक्त विदेशों में बिताने लगे और वहीँ अपने मठों में शिष्यों को योग सिखाने लगे। साल 2018  में ऑस्ट्रेलिया में उनकी एक शिष्या  ने आनंद गिरी पर रेप का आरोप लगाया।  हालाँकि आनंद गिरी उन आरोपों से इंकार करते हैं। बाद में आरोप सिद्ध नहीं हो पाया और महंत उन आरोपों से ब-इज़्ज़त बरी भी हो गए।  यही नहीं मंत्रोच्चारण के बीच बार डांसर पर नोटों की गड्डी उड़ाना , बीयर बार के संचालक को महामंडलेश्वर बनाना , और आश्रम , मठों की जमीन व  संपत्ति का दुरूपयोग करने जैसे कई आरोप लगे। 


फ़िलहाल आनंद गिरी अपनी महगीं कार में घूमने नहीं बल्कि कारागार में बंद हैं उनपर अपने गुरु स्व नरेंद्र गिरी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के आरोप लगे हैं। आनंद गिरी को 14  दिन की हिरासत में जेल भेजा गया है हालाँकि वो नरेंद्र गिरी की मौत को उन्हें फ़साने का  एक षड्यंत्र बता रहे हैं। 




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