Chhattisgarh : नक्सलियों के चंगुल से 5 दिन बाद रिहा हुआ जवान राकेश्वर, मां ने कहा सभी का धन्यवाद

रायपुर (Chhattisgarh News ) : सीआरपीएफ कोबर बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह नक्सलियों के चंगुन से रिहा हो गये। नक्सलियों द्वारा छोडे जाने के बाद बटालियान के कैंप में उनका मेडिकल चेकअप किया गया है। सैनिक की रिहाई के बाद सरकार और परिवार के लोगो ने राहत की सांस ली है। 

Update: 2021-04-08 19:49 GMT

रायपुर (Chhattisgarh News ) : सीआरपीएफ कोबर बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह नक्सलियों के चंगुल से रिहा हो गये। नक्सलियों द्वारा छोडे जाने के बाद बटालियान के कैंप में उनका मेडिकल चेकअप किया गया है। सैनिक की रिहाई के बाद सरकार और परिवार के लोगो ने राहत की सांस ली है। 

दरअसल 3 अप्रैल को जोनागुड़ा में फोर्स और नक्सलियों की मुठभेड़ के बाद जंहा 23 जवान शहीद हो गये थे वही सीआरपीएफ जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने बंधक बना लिया था। 

पत्नी और मां ने किया धन्यवाद

राकेश्वर की रिहाई के बाद उनकी पत्नी मीनू ने कहा कि आज मेरी जिंदगी का सबसे खुशी भरा दिन है। इसके लिए सरकार का धन्यवाद। वहीं उनकी मां कुंती देवी ने बेटे को छोड़ रहे लोगो के प्रति भी धन्यवाद दिया है। ज्ञात हो कि लापता जवान की पत्नी और उनकी 5 वर्ष की बेटी सहित अन्य सभी जवान को सकुशल छुड़ाये जाने की मांग सरकार से लगातार कर रहे थे।

मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हुए थे

ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के हमले में 23 जवान शहीद हुए थे। नक्सलियों ने भी अपने 5 साथी मारे जाने की बात मानी थी। मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो राकेश्वर का अपहरण कर लिया था। इसके बाद माओवादी प्रवक्ता विकल्प ने मंगलवार को प्रेस नोट जारी कर कहा था कि पहले सरकार बातचीत के लिए मध्यस्थों का नाम घोषित करे, इसके बाद वह जवान को सौंप देंगे। तब तक वह उनके पास सुरक्षित रहेगा।

सोशल वर्कर ने की बात

नक्सलियों से बात करने के लिए कुछ सोशल वर्कर्स को भेजा गया था। इनमें पद्मश्री धरमपाल सैनी, गोंडवाना समन्वय समिति के अध्यक्ष तेलम बोरैया के साथ कुछ और लोग शामिल थे। ऐसी चर्चा है कि इनसे बातचीत के बाद ही जवान को छोड़ा गया है। अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यह भी साफ नहीं हुआ है कि जवान को छोड़ने के बदले नक्सलियों ने कोई शर्त रखी है या नहीं।

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