साइबर फ्रॉड की धमकी से सुसाइड: भोपाल के सीनियर एडवोकेट ने सुसाइड नोट में लिखा, देशद्रोही होने का कलंक नहीं सह सकता; गैस कांड में सैकड़ों पीड़ितों की मदद की थी

भोपाल में वरिष्ठ एडवोकेट ने फोन धमकी के बाद फांसी लगाई। सुसाइड नोट में दिल्ली की साजिश में नाम जोड़ने की बात लिखी। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की।;

Update: 2025-11-26 13:32 GMT

मुख्य बातें (Top Highlights)

  • भोपाल के जहांगीराबाद में वरिष्ठ एडवोकेट ने फांसी लगाकर खुदकुशी की।
  • सुसाइड नोट में लिखा—दिल्ली की साजिश में नाम जोड़कर धमकी दी गई थी।
  • फोन पर कहा गया—“जल्द ही तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा।”
  • पुलिस का अनुमान—आतंकी साजिश में फंसाने का डर दिखाकर की गई ठगी की कोशिश।

भोपाल में वरिष्ठ एडवोकेट ने फोन धमकी के बाद की खुदकुशी, सुसाइड नोट में दिल्ली में आतंकी साजिश का जिक्र

भोपाल के जहांगीराबाद इलाके में सोमवार रात एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां 68 वर्षीय वरिष्ठ एडवोकेट शिवकुमार वर्मा ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा कि उन्हें हाल ही में एक अज्ञात व्यक्ति का धमकी भरा फोन आया था। कॉल करने वाले ने उन्हें एक गंभीर “दिल्ली साजिश” में फंसा हुआ बताया और कहा कि जल्द ही पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी।

पुलिस का अनुमान है कि एडवोकेट वर्मा किसी फर्जी धमकी और ठगी के शिकार हुए थे। डर, तनाव और मानसिक दबाव के चलते उन्होंने यह कदम उठाया। बुधवार को उनके शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया और पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

कैसे हुई घटना? | Incident Details

जहांगीराबाद पुलिस के अनुसार वरिष्ठ एडवोकेट शिवकुमार वर्मा बरखेड़ी इलाके में रहते थे और वकालत की सक्रिय प्रैक्टिस कर रहे थे। सोमवार शाम लगभग 7:30 बजे उन्होंने अपने घर में फांसी लगा ली। परिजन उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची, पंचनामा बनाया गया और सुसाइड नोट बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि वकील के घर में कोई जबरन प्रवेश या संघर्ष के संकेत नहीं मिले।

 

सुसाइड नोट में क्या लिखा था? | Suicide Note Details

मौके से मिले सुसाइड नोट में वर्मा ने लिखा है कि उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। कॉल करने वाले ने दावा किया कि हाल ही में दिल्ली में लाल किले के पास हुए बम धमाके के मामले में उनका नाम सामने आया है।

नोट में लिखा था कि फोन करने वाले ने यह भी कहा कि “आतंकी साजिश में तुम्हारे बैंक खाते से फंडिंग की गई है, अब पुलिस कभी भी तुम्हें गिरफ्तार कर सकती है।

इस धमकी के बाद से वे लगातार तनाव में रहने लगे थे। पुलिस को शक है कि यह एक ठगी का प्रयास था, जिसमें डर पैदा कर पैसे ऐंठने की कोशिश की गई।

कॉल की पड़ताल में जुटी पुलिस | Investigation Begins

जहांगीराबाद पुलिस ने उस कॉल नंबर की पहचान करने के लिए साइबर सेल की मदद ली है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि कॉल संभवतः फेक सिम या इंटरनेट कॉलिंग के जरिए किया गया था।

पुलिस ने बताया कि कई राज्यों में इसी प्रकार की धमकी देकर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं, जो पहले डराते हैं और फिर पैसे मांगते हैं।

पुलिस का अनुमान: साजिश नहीं, ठगी की कोशिश | Police Suspects Fraud Call

जांच अधिकारियों का कहना है कि वकील को किसी आतंकी साजिश में फंसाने का मामला वास्तविक नहीं लगता। बल्कि कॉल करने वालों ने डर फैलाकर पैसे वसूलने की योजना बनाई थी।

कई साइबर क्रिमिनल पुलिस अधिकारी, एजेंसी या कोर्ट का फर्जी परिचय देकर इसी तरह के कॉल करते हैं और पीड़ितों को धमकाते हैं।

साइबर फ्रॉड का नया तरीका! | Growing Trend of Threat Calls

हाल के महीनों में देशभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पीड़ितों को किसी आतंकी केस या फाइनेंशियल साजिश का आरोपी बताकर पहले डराया जाता है, फिर उनसे पैसे मांगे जाते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह साइबर ठगों का नया तरीका है और इसके शिकार आम लोग ही नहीं, बल्कि प्रोफेशनल, व्यापारी और वरिष्ठ नागरिक भी बन रहे हैं।

पड़ोसी और परिजन सदमे में | Family & Locals in Shock

परिजनों ने बताया कि शिवकुमार वर्मा शांत स्वभाव के और समाज में सम्मानित व्यक्ति थे। वे सामान्य परिस्थितियों में तनाव को लेकर अधिक प्रभावित नहीं होते थे। लेकिन धमकी के बाद वे बेहद बेचैन रहने लगे थे।

परिजनों का मानना है कि ऐसी धमकी देना ही अपराध है और पुलिस को कॉल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. सुसाइड नोट में क्या लिखा था?

नोट में लिखा था कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने कॉल कर कहा कि उनका नाम दिल्ली की एक आतंकी साजिश में आ गया है और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

2. पुलिस किस दिशा में जांच कर रही है?

पुलिस को संदेह है कि यह ठगी की कोशिश थी और कॉल किसी साइबर फर्जीवाड़े से किया गया था।

3. मृतक की पहचान क्या है?

वे शिवकुमार वर्मा (68) थे, जो भोपाल के वरिष्ठ एडवोकेट थे।

4. क्या कोई गिरफ्तारी हुई है?

अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस साइबर सेल की मदद से कॉल ट्रेस कर रही है।

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